UNSC में पाकिस्तान के पत्र पर चर्चा के लिए चीन ने शुक्रवार को बुलाई अनौपचारिक बैठक
जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के खिलाफ पाकिस्तान की चिट्ठी पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में कोई भी प्रतिक्रिया देने के लिए चीन ने इस पर शुक्रवार को बंद कमरे में अनौपचारिक चर्चा की बात कही है. चीन चाहता है कि इस अनौपचारिक चर्चा में पाकिस्तान के विदेश मंत्री एस.एम. कुरैशी द्वारा यूएनएसी अध्यक्ष जोआना रोनकेका को लिखे पत्र (भारत द्वारा जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले) के बारे में सभी सदस्यों की राय जानी जाए.
पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने अपने पत्र को यूएनएसी के सभी सदस्य देशों को फैलाकर जल्द से जल्द मीटिंग बुलाने की मांग की है लेकिन अभी तक कोई मीटिंग कॉल नहीं की गई है. इक्वेटोरियल गिनी, जो यूएनएसी के गैर-स्थायी सदस्यों में से एक है, ने कहा कि सभी सदस्य काउंसिल पोलैंड की कुर्सी के निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं.
इक्वेटोरियल गिनी, जो UNSC के गैर-स्थायी सदस्यों में से एक है, ने कहा कि सभी सदस्य अध्यक्ष (काउंसिल पोलैंड) के निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं. “पाकिस्तान ने अनुरोध किया है एक मीटिंह के लिए लेकिन हमें इसके लिए चेयर (अध्यक्ष) का निर्देश प्राप्त करना होगा. जब तक वह ऐलान नहीं करते हम कुछ नहीं कह सकते हैं. अभी वह परामर्श कर रहे है”
पोलैंड के विदेश जेकीक कास्प्रोविज ने कहा, ‘हमने भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा तनाव पर चिंता व्यक्त की है. हम पाकिस्तान और भारत के बीच मतभेदों को सुलझाने के लिए आपस में बातचीत के पक्ष में हैं. हमें उम्मीद है कि दोनों देश परस्पर रूप से काम कर सकते है और इसका द्विपक्षीय रूप से लाभकारी समाधान निकाल सकते हैं.’ इस बीच, रूस ने कहा है कि पाकिस्तान के पत्र पर किसी भी पहल की कोई सूचना नहीं है.
बता दें कि जम्मू एवं कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे को समाप्त करने के भारत के फैसले से परेशान पाकिस्तान ने इस मामले को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में औपचारिक रूप से उठाने के लिए अर्जी लगा दी है. पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने मंगलवार रात एक बयान में कहा कि उन्होंने इस बारे में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष को एक पत्र लिखा है.
कुरैशी ने कहा है कि उन्होंने सुरक्षा परिषद अध्यक्ष से ‘भारत के फैसले से दक्षिण एशिया में शांति एवं सुरक्षा के लिए पैदा हुए खतरों’ पर विचार के लिए परिषद की आपात बैठक बुलाने का आग्रह किया है. कुरैशी ने कहा कि भारत का फैसला ‘अवैध है और संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों के खिलाफ है.’
उधर, संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की राजदूत डॉ. मलीहा लोधी ने कुरैशी का पत्र सुरक्षा परिषद को सौंपा और आपात बैठक बुलाने का आग्रह किया. उन्होंने पत्र सुरक्षा परिषद की मौजूदा अध्यक्ष व पोलैंड की राजदूत जोआना रोनेका को सौंपा.
सुरक्षा परिषद अध्यक्ष परिषद के सदस्यों से सलाह-मशविरा कर बैठक की तिथि तय करेंगी. इस बीच, लोधी ने एक बार फिर परिषद के सदस्यों से मुलाकात कर उन्हें कश्मीर की स्थिति की ताजा जानकारी दी.