शुरू होने वाला है विश्व का सबसे लंबा Cable Bridge, जानें- कौन से हैं 10 सबसे बड़े पुल
नदी, समुद्र और पहाड़ों व घाटियों पर सबसे बड़ा पुल अक्सर लोगों में कौतुहल पैदा करता है। ये आम जनजीवन को तो आसान बनाता ही है, साथ ही पर्यटन स्थल के तौर पर भी मशहूर हो जाता है। सीमावर्ती इलाकों में इनका सामरिक महत्व भी होता है। यही वजह है कि एशिया में इन दिनों सबसे लंबा पुल बनाने की होड़ मची हुई है। खास तौर पर भारत और चीन के बीच। पिछले साल ही भारत ने एशिया का सबसे बड़ा पुल शुरू किया है। अब चीन जल्द ही दुनिया का सबसे लंबा पुल शुरू करने जा रहा है।
चीन द्वारा बनाए जा रहे पुल की खासियत ये है कि इसमें नदी के किनारों पर केवल दो पिलर होंगे। नदी के ऊपर पूरा पुल केबल पर टिका होगा। इस पुल को हवा में तैरने वाले पुल (Floating System) की तकनीक पर बनाया जा रहा है। मतलब ये पुल हवा में झूलता रहेगा। हांलाकि, पुल से आने-जाने वालों को इसका आभास नहीं होगा। फ्लोटिंग सिस्टम की वजह से ये पुल भूकंप और आंधी-तूफान जैसी स्थिति में भी पूरी मजबूती से टिका रहेगा।
तीसरी सबसे लंबी नदी पर बन रहा पुल
सिन्हुआ न्यूज के अनुसार चीन में बन रहा दुनिया का सबसे लंबा केबल ब्रिज किंगशान यांग्त्जी नदी पर बनाया जा रहा है। इसका निर्माण चीन की रेलवे मेजर ब्रिज इंजीनियरिंग ग्रुप कंपनी द्वारा किया जा रहा है। मालूम हो कि चीन की किंगशान यांग्त्जी नदी, दुनिया की तीसरी सबसे लंबी नदी भी है। इस पर बन रहे दुनिया के सबसे लंबे केबल ब्रिज का काउंट डाउन शुरू कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि ये पुल 2020 की शुरूआत में शुरू कर लिया जाएगा। पुल का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है और फिलहाल इसे अंतिम रूप दिया जा रहा है।
सबसे लंबा ही नहीं सबसे चौड़ा भी है
चीन में बन रहे दुनिया के इस सबसे लंबे केबल पुल की कुल लंबाई 7,548 मीटर है और इसकी कुल चौड़ाई 48 मीटर है। दावा किया जा रहा है कि ये पुल न केवल दुनिया का सबसे लंबा केबल पुल है, बल्कि दुनिया का सबसे चौड़ा केबल पुल भी है। ये पुल किंगशान यांग्त्जी नदी पर सेंट्रल चाइना के हुबेई प्रांत की राजधानी वुहान में बनाया जा रहा है। सोमवार को इस पुल पर डामर डालकर सड़क बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। चीन के रेलवे मेजर ब्रिज इंजीनियरिंग ग्रुप कंपनी के अनुसार निर्माण कार्य खत्म होने के बाद ये दुनिया का सबसे लंबा केबल पुल बन जाएगा।
इस तरह से हो रहा तैयार
सिन्हुआ न्यूज के मुताबिक ये पुल दोनों तरफ से कुल 10 लेन का है। पुल बनाने के लिए नदी के दोनों किनारों पर दो ऊंची टॉवर बनाए गए हैं। उन्हीं टॉवर के सहारे पूरे पुल को केबल के जरिए तैयार किया गया है। खास बात ये है कि नदी के ऊपर पुल के झूलते हुए हिस्से में कोई लोवर बीम भी नहीं है। लोवर बीम की जगह पुल की सड़क को आधार प्रदान करने के लिए स्टील स्ट्रक्चर का इस्तेमाल किया गया है। इस वजह से ये पुल तेज हवाओं और भूकंप के प्रभावों को दूर करने के लिए नदी के किनारे बने दोनों टॉवरों के बीच झूल सकता है। इससे पुल को काफी मजबूती मिलेगी।
62 साल पहले बना था दूसरा पुल
चीन ने करीब 62 वर्ष पहले किंगशान यांग्त्जी नदी पर ही एक और पुल बनाया था। ये पुल भी चीन के सबसे बड़े और व्यस्त रिवर पुल में शामिल है। चीन के अनुसार पुराने वाले पुल से इस पुल की दूरी मात्र 20 किलोमीटर है। अगले साल तक नया पुल शुरू होने के बाद पुराने पुल से यातायात का दबाव कम होगा। इससे इस इलाके की यातायात व्यवस्था में भी काफी सुधार होगा।