‘संन्यास’ का मन बना चुके इस खिलाड़ी को मिली थी ऑस्ट्रेलिया की कप्तानी, अब रचने वाला है इतिहास
वर्ल्ड क्रिकेट में ऐसे बहुत ही कम खिलाड़ी हुए हैं, जिनको ऐसे वक्त कप्तानी मिली हो जब वह क्रिकेट छोड़ने का मन बना रहे हों। ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट टीम (Australia Cricket Team) के कप्तान टिम पेन ऐसे ही खिलाड़ी हैं। अब पेन ऑस्ट्रेलिया के लिए सबसे प्रतिष्ठित सीरीज माने जाने वाले एशेज (Ashes) में इतिहास रचने की दहलीज पर खड़े हैं। ग्रेग चैपल, रिकी पोंटिंग और माइकल क्लार्क जैसे धुरंधर कप्तान जो काम नहीं कर पाए वो पेन कर सकते हैं।
गुरुवार से ओवल में शुरू होने जा रहे एशेज सीरीज (The Ashes) के आखिरी टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया की कप्तानी कर रहे टिम पेन (Tim Paine) के पास नया इतिहास रचने का मौका है। पेन पूर्व कप्तान स्टीव वॉ के बाद ऐसे पहले कप्तान बनने वाले हैं जो लगातार दो एशेज पर कब्जा जमा सकते हैं।
इतिहास रचने की दहलीज पर पेन
18 साल पहले स्टीव वॉ की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया ने लगातार दो टेस्ट सीरीज पर कब्जा जमाया था। वॉ के बाद कोई भी कप्तान लगातार दो ऐसे सीरीज जीतने में कामयाब नहीं हो पाया है। साल 2001 और फिर 2003 की सीरीज में स्टीव वॉ ने इंग्लैंड के खिलाफ 4-1 से जीत दर्ज की थी।
यहां तक कि उनसे पहले पूर्व दिग्गज कप्तान ग्रेग चैपल भी ऐसा नहीं कर पाए थे। रिकी पोंटिंग और माइकल क्लार्क को टीम के सफल कप्तानों में गिना जाता है लेकिन वह भी इस कारनामों को नहीं दोहरा पाए। टिम पेन ने पहले ही सीरीज में 2-1 की बढ़त हासिलकर यह पक्का कर लिया है कि एशेज की ट्रॉफी ऑस्ट्रेलिया के पास ही रहेगी। अब अगर टीम ओवर में खेले जाने वाले आखिरी टेस्ट को जीत लेती है तो यह एक नया कारनामा होगा।
संन्यास लेने वाले पेन को मिली कप्तानी
बॉल टैंपरिंग विवाद के स्टीव स्मिथ ने कप्तानी से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद टिम पेन को टीम की कप्तानी का जिम्मा सौंपा गया। कप्तानी के लिए वह पूरी तरह से तैयार नहीं थे लेकिन उन्होंने इसे चुनौती की तरह लिया और टीम को आगे बढ़ाने का फैसला लिया। नवंबर 2017 में पेन ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वह चोट और खराब फॉर्म से इतने परेशान हो चुके थे कि संन्यास लेने वाले थे।
“मैं निश्चित तौर पर पिछले साल इस बारे में सोच रहा था, जब मुझे क्रिकेट से दूर जाने का मौका मिला। मैं शुक्रगुजार हूं कि मैंने यह फैसला नहीं लिया। मैं संन्यास लेने के बहुत करीब था, मैं लेने ही जा रहा था। मैं मेलबर्न जाकर कुकाबुरा गेंद से खेलने की कोशिश करने वाला था। मै अपना सारा ध्यान 20 ट्वेंटी पर लगाकर हरिकेन्स के लिए खेलने की सोच रहा था।“