उत्‍तराखंड के स्कूल और कॉलेजों में खुलेंगे एंटी ड्रग क्लीनिक, पढ़ि‍ए पूरी खबर

 छात्रों में बढ़ रही नशे की लत सभी के लिए चिंता का विषय है। उच्च न्यायालय नैनीताल के चीफ जस्टिस रमेश रंगनाथन ने छात्रों में बढ़ रही नशे की लत पर काबू पाने के लिए ‘संकल्प नशामुक्त देवभूमि’ अभियान के तहत स्कूल और विश्वविद्यालयों को परिसर में ‘एंटी ड्रग क्लीनिक’ खोलने के निर्देश दिए थे। इसी क्रम में अब शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों को क्लीनिक खोलने के आदेश जारी किए हैं। इसके तहत स्कूल और विवि में 22 लोगों की कमेटी बनाई जाएगी, जो छात्रों को नशे के खिलाफ जागरूक करेगी। क्लीनिक 18 अक्टूबर से पहले खोले जाने हैं।

28 सितंबर को देहरादून स्थित ओएनजीसी में एक कार्यक्रम के दौरान ‘संकल्प नशामुक्त देवभूमि’ अभियान की शुरुआत की गई थी। जिसमें मौजूद उच्च न्यायालय नैनीताल के चीफ जस्टिस रमेश रंगनाथन ने शिक्षा विभाग को सभी स्कूल और कॉलेजों में ‘एंटी ड्रग क्लीनिक’ खोलने के निर्देश दिए। इस पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने भी स्कूलों को पत्र भेजे थे। इसका संज्ञान लेकर शिक्षा विभाग अब सभी स्कूलों में क्लीनिक खोलने की तैयारी कर रहा है। वहीं मुख्य शिक्षा अधिकारी ने स्वयं जिले के सभी स्कूलों को क्लीनिक खोलने के आदेश जारी कर दिए हैं। उधर कई कॉलेजों का कहना है कि साल 2015 में जारी आदेश के बाद से ही कॉलेज में एंटी ड्रग सेल खोल दिया गया था।

निजी और आवासीय स्कूलों पर नजर

मुख्य शिक्षा अधिकारी आशा रानी पैन्यूली ने बताया कि न्यायालय के आदेश के आधार पर सभी स्कूलों को एंटी ड्रग क्लीनिक खोलने के आदेश जारी किए जा चुके हैं। निजी और आवासीय स्कूलों पर खास नजर रखी जाएगी। इन स्कूलों में ऐसे मामले आने की संभावना ज्यादा होती है। बताया कि सभी स्कूलों में आदेशानुसार कैंप लगाए जाएंगे। जिसमें छात्रों को नशे के खिलाफ जागरूक किया जाएगा।

संस्थान बनाएं 22 सदस्यीय कमेटी

उच्च न्यायालय के आदेशानुसार एंटी ड्रग क्लीनिक में 22 सदस्यों की कमेटी बनानी होगी। जिसमें स्कूल- कॉलेज के न्यूनतम दो शिक्षक, न्यूनतम 10 छात्र और न्यूनतम 10 अभिभावक शामिल करने होंगे। यह कमेटी स्कूल परिसर और आस-पास के क्षेत्र में जाकर युवाओं को नशे के खिलाफ जागरूक करेगी। कमेटी स्कूल में नशे की चपेट में आ चुके छात्रों की काउंसिलिंग भी करेगी।

संस्थानों ने शुरू की शिकायतें

यूं तो स्कूल और कॉलेजों के 200 मीटर के दायरे में नशे की सामग्री बेचने पर प्रतिबंध है। बावजूद इसके जागरूकता की कमी और लापरवाही के चलते स्कूल और कॉलेजों के आस-पास दुकानों पर तंबाकू-सिगरेट आदि बेची जा रही हैं। स्कूल-कॉलेज की यूनिफार्म में अक्सर छात्र धूम्रपान करते हुए भी नजर आते हैं। न्यायालय के आदेश के बाद से स्कूल-कॉलेजों ने पुलिस को शिकायतें करना भी शुरू कर दिया है।

एसएसपी अरूण मोहन जोशी का कहना है कि स्कूल-कॉलेजों के 200 मीटर के दायरे में नशे के व्यापार पर प्रतिबंध है। स्कूल-कॉलेजों से शिकायतें आने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।

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