गौतम गंभीर ने टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिए किया है ये कमाल, कोई दिग्गज भी नहीं है आसपास

किसी से जुबानी जंग जीतने हो या फिर किसी को बल्ले से जवाब देना हो, ये बात गौतम गंभीर को बखूबी आती है। क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद भाजपा की सीट पर नई दिल्ली (पूर्वी दिल्ली) सीट से लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बने गौतम गंभीर ने अपने विरोधियों को हर प्रकार की भाषा में जवाब दिया है। आज भी गौती ये काम बेधड़क कर रहे हैं।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने टेस्ट क्रिकेट में एक ऐसा कमाल किया है जो आज तक कोई भारतीय खिलाड़ी नहीं कर पाया है। जी हां, हम बात कर रहे गौतम गंभीर के उस रिकॉर्ड की जो उन्होंने लगातार पांच टेस्ट मैचों में शतकीय पारी खेलकर बनाया है। गौतम गंभीर ने दोनों पारियों में से एक पारी में कम से कम 100 रन बनाए हैं। ऐसा करने वाले वे भारत के इकलौते बल्लेबाज हैं।

5 टेस्ट मैचों में 5 शतक

इतना ही नहीं, गौतम गंभीर के ये खास कमाल करने वाले बाएं हाथ के दुनिया के पहले बल्लेबाज हैं। यहां तक कि गौतम गंभीर के इस खास रिकॉर्ड के आसपास मौजूदा समय में कोई खिलाड़ी नहीं है। गौतम गंभीर से ज्यादा लगातार 6 टेस्ट मैचों में ऑस्ट्रेलियाई टीम के पूर्व महान बल्लेबाज सर डॉन ब्रैडमैन ने शतक जड़े हैं। इनके अलावा पाकिस्तानी बल्लेबाज मोहम्मद युसुफ ने भी लगातार पांच टेस्ट मैचों में पांच शतक जड़े हैं।

आज हम गौतम गंभीर की बात इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि आज इस दिग्गज भारतीय खिलाड़ी का जन्मदिन है। गौतम गंभीर 14 अक्टूबर 2019 को अपना 38वां जन्मदिन मना रहे हैं। 14 अक्टूबर 1981 को देश की राजधानी दिल्ली में जन्मे गौतम गंभीर ने एक दशक से ज्यादा समय तक अंतरराष्ट्रीय खेला है। गौतम गंभीर की ही दमदार परफॉर्मेंस की वजह से भारतीय टीम ने दो वर्ल्ड कप(T20 और वनडे) जीते हैं।

T20 वर्ल्ड कप 2007 में गंभीर का प्रदर्शन

साउथ अफ्रीका में T20 इंटरनेशनल क्रिकेट वर्ल्ड कप खेला गया। ये क्रिकेट के इस फॉर्मेट का पहला वर्ल्ड कप था। इस वर्ल्ड कप के फाइनल में भारतीय टीम का सामना पाकिस्तान की टीम से हुआ। हमेशा पाकिस्तान के चिर प्रतिद्वंदी माने जाने वाले गौतम गंभीर ने खिताबी जीत में बल्ले से योगदान दिया। गंभीर ने महज 54 गेंदों में 8 चौके और 2 छक्कों की मदद से 75 रन की पारी खेली। इस मुकाबले को भारत ने 5 रन से जीता।

वर्ल्ड कप 2011 के फाइनल में गौती की परफॉर्मेंस

साल 2011 में एमएस धौनी की कप्तानी में भारतीय टीम ने 28 साल बाद वर्ल्ड कप का खिताब जीता। आइसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप 2011 के फाइनल में टीम इंडिया का सामना श्रीलंका से हुआ। श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 276 रन बनाए। इसके जवाब में भारतीय टीम को वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर के रूप में दो झटके लगे, लेकिन गौतम गंभीर तब तक क्रीज पर डटे रहे जब तक देशवासियों को जीत की महक नहीं आई।

बाएं हाथ के बल्लेबाज गौतम गंभीर ने ने नंबर तीन पर बल्लेबाजी करते हुए उस वर्ल्ड कप के फाइनल मुकाबले में श्रीलंका के खिलाफ 122 गेंदों में 9 चौकों की मदद से 97 रन की बेसकीमती पारी खेली और टीम इंडिया को चैंपियन बना दिया। हैरान करने वाली बात ये रही कि गौतम गंभीर को इन दोनों ही वर्ल्ड कप के फाइनल में मैन ऑफ द मैच का खिताब नहीं मिला, लेकिन इस बात का गौती को कभी मलाल नहीं रहा, क्योंकि वे देश को आगे समझते हैं।

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