इस मामले में बंदर मनुष्यों से ज्यादा तरीके तलाशते हैं, पढ़ें पूरी खबर

एक अध्ययन के अनुसार दावा किया गया है कि किसी भी समस्या का हल निकालने के लिए बंदर मनुष्यों से ज्यादा तरीके तलाशते हैं। बंदर हर बार समस्या के निदान का अलग तरीका निकालते हैं जबकि मनुष्य पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर उन्हीं तय रास्तों पर चलते हैं। मनुष्य उसी के अनुसार काम करते हैं जो उन्हें सिखाया गया होता है और वह रटी रटायी प्रक्रिया अपनाते हैं।

शोधकर्ताओं ने बताया कि संज्ञात्मक लचीलेपन में बंदर इंसानों से बेहतर होता है। संज्ञात्मक लचीलापन मस्तिष्क की उस योग्यता को कहते हैं, जिसमें मस्तिष्क एक अवधारणा से दूसरी को प्रभावित कर सकता है। ‘साइंटिफिक रिपोर्ट’ जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में यह बताया गया है कि किस तरह से इंसान अपने पूर्वाग्रह से ग्रस्त होता है, जिससे वह नए निर्णय लेने में अक्षम हो जाता है और कई अवसरों में चूक भी जाता है।

अमेरिका की जॉर्जिया स्टेट यूनिवर्सिटी की पीएचडी स्टूडेंट जूलिया वेजेटेक ने बताया कि, इंसान एक अनोखी प्रजाति है। इंसान ग्रह पर मौजूद हर प्राणी से असाधारण रूप से भिन्न हैं, लेकिन इंसान कभीकभी वास्तव में बहुत मूर्ख साबित होता है। अध्ययन से पता चलता है कि कैपचिन और रीसस मकाक बंदर मनुष्यों की तरह पूर्वाग्रह से ग्रसित नहीं होते हैं। वे किसी भी मौके पर एक से अधिक विकल्प प्रस्तुत करते हैं। इस अध्ययन के परिणाम पूर्व में प्राइमेट्स, बबून और चिंपैंजी पर किए गए अध्ययन के परिणामों की तरह ही हैं, जिसमें इन बंदरों ने भी मनुष्यों की तरह किसी समस्या को एक ही तरीके से हल करने की बजाय बार-बार अलग-अलग तरीके अपनाए थे।

इस तरह किया गया अध्ययन

इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने 22 मनुष्य, 56 कैपचिन और सात रीसस मकाक बंदरों को शामिल किया गया। इसमें उन्हें एक कीबोर्ड और स्क्रीन दी गई। कीबोर्ड में पहले एक धारीदार चौकोर बटन दबाना पड़ता था, फिर एक डॉटेड चौकोर बटन और तब एक तिकोना बटन प्रकट होता था। जिसे दबाने पर इनाम मिलता था। मनुष्यों के लिए यह इनाम स्कोर प्वाइंट होते थे और बंदरों के लिए केले। गलत प्रक्रिया करने पर कोई इनाम नहीं मिलता था। कई दिनों की ट्रेनिंग के बाद उनका टेस्ट लिया गया।

टेस्ट के दौरान तिकोने बटन को पहले ही सामने रख दिया गया। इस दौरान पाया गया कि 61 फीसद मनुष्यों ने वही किया जो उन्हें सिखाया गया था। जबकि 70 फीसद बंदरों ने शार्टकट का उपयोग किया और सीधे तिकोने बटन को दबा दिया। जूलिया वेजेटेक ने बताया कि इंसान किसी भी चीज को रट्टा की तरह सीखने और उसका अनुसरण करने में ज्यादा विश्वास रखते हैं।

अमेरिका के शोधकर्ताओं ने बताया कि इंसान सिखाई गई बातों पर ज्यादा भरोसा करते हैं, पूर्वाग्रह से ग्रसित होने पर उनके पास किसी भी काम को करने के ज्यादा भिन्न तरीके नहीं होते हैं, जबकि इन मामलों में बंदर इंसानों से अलग होते हैं…

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