भाजपा व शिवसेना के बीच राजनीतिक रस्साकसी अब भी जारी…
महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल नौ नवंबर को खत्म हो जाएगा। राज्य में सरकार बनेगी या राष्ट्रपति शासन लागू होगा इस बारे में आज सस्पेंस खत्म भी हो सकता है। इस बीच भाजपा और शिवसेना के बीच तनातनी चरम पर पहुंच चुकी है। शिवसेना ने कहा है कि भाजपा को हमारे पास तभी आना चाहिए जब वह महाराष्ट्र में सीएम का पद साझा करने के लिए तैयार हो। इसे देखते हुए जल्द सरकार गठन के आसार कम हैं और राष्ट्रपति शासन की आशंका गहराने लगी है। महाराष्ट्र के पूर्व महाधिवक्ता श्रीहरि एनी ने बताया कि नौ नवंबर के बाद सरकार गठन के सारे विकल्प बंद हो जाएंगे क्योंकि कानून में इसका प्रावधान नहीं है।
शिवसेना और NCP ने भाजपा पर बोला हमला
संजय राउत ने कहा कि यदि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू होता है तो यह राज्य के लोगों का अपमान होगा। यह गलत और संविधान के खिलाफ होगा। उन्होंने कहा कि मुझे अटल बिहारी वाजपेयी का वह संदेश याद है कि हम भागेंगे नहीं, लड़ेंगे और अंत में जीतेंगे। महाराष्ट्र कभी नहीं झुकेगा। विधायकों की खरीद फरोख्त के आरोपों पर राउत ने कहा कि महाराष्ट्र में यदि कोई कर्नाटक दोहराने की कोशिश कर रहा है तो वह अपनी कोशिश में सफल नहीं होगा। वहीं राकांपा ने भाजपा पर राज्य को राष्ट्रपति शासन की ओर ले जाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा को शिवसेना का रुख तभी करना चाहिए जब वह मुख्यमंत्री पद साझा करने को तैयार हो।
कांग्रेस ने लगाया विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप
दूसरी ओर कांग्रेस ने विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया है। कांग्रेस के नेता विजय वडेट्टीवार ने आरोप लगाया है कि महाराष्ट्र में विधायकों को पार्टी बदलने के लिए 25 करोड़ से 50 करोड़ रुपए तक की पेशकश की जा रही है। कांग्रेस नेता ने यह भी दावा किया कि इसके लिए कांग्रेस विधायकों से फोन पर संपर्क करने की कोशिशें की जा रही हैं। वडेट्टीवार ने कहा कि शिवसेना भी दावा कर चुकी है कि उसके एक विधायक को तोड़ने के लिए 50 करोड़ रुपये की पेशकश की गई थी। फिलहाल, पल पल बदलते घटनाक्रम के बीच कांग्रेस के इस आरोप ने राज्य के सियासी माहौल को और गरमा दिया है। वहीं कांग्रेस कांग्रेस नेता नितिन राउत ने कहा है कि ऐसी खबरें हैं कि कुछ कांग्रेसी विधायकों को भाजपा नेताओं ने पैसे देने की पेशकश की थी। हम कर्नाटक जैसे हॉर्स ट्रेडिंग पैटर्न को रोकने की पूरी कोशिश करेंगे।
48 घंटे में साबित करे आरोप अन्यथा माफी मांगे कांग्रेस : BJP
खरीद फरोख्त के आरोपों पर भाजपा ने करारा पलटवार करते हुए कांग्रेस और एनसीपी पर आरोपों को साबित करने के आरोप लगाया। भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि कांग्रेस और एनसीपी विधायकों की खरीद फरोख्त के आरोपों को 48 घंटे में साबित करें अन्यथा माफी मांगें। भाजपा नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने कल यानी गुरुवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात भी की लेकिन सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया। एक ओर शिवसेना अपना मुख्यमंत्री बनाने की मांग पर अड़ी हुई है तो वहीं दूसरी ओर भाजपा सीएम पद पर किसी समझौते को तैयार नहीं दिख रही है। कल राज्यपाल से मिलने से पहले प्रतिनिधिमंडल में शामिल वरिष्ठ भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि हम राज्यपाल के पास सरकार बनाने का दावा करने नहीं जा रहे हैं। भाजपा किसी भी सूरत में अल्पमत की सरकार नहीं बनाएगी।
शिवसेना ने विधायकों को होटल भेजा
कल शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने विधायकों के साथ बैठक की। इसके बाद पार्टी के सभी विधायकों को एक होटल में भेज दिया गया। शिवसेना ने कल कहा था कि भाजपा को एलान करना चाहिए कि वह सरकार बनाने में सक्षम नहीं हैं। इसके बाद हम कदम बढ़ाएंगे। शिवसेना नेता संजय राउत ने भाजपा पर आरोप लगाया था कि वह सरकार गठन में देरी कर राष्ट्रपति शासन थोपने की स्थिति बना रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता कल राज्यपाल से मिलने गए थे लेकिन खाली हाथ लौट आए क्योंकि उनके पास बहुमत का आंकड़ा नहीं है। वहीं एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मलिक (Nawab Malik) ने कहा कि महाराष्ट्र इस अपमान को सहन नहीं करेगा। इतिहास गवाह है कि महाराष्ट्र दिल्ली के सिंघासन के कभी नहीं झुका है।
जोड़तोड़ की आशंका के चलते पार्टियां सतर्क
इस बीच, जोड़तोड़ की आशंका के चलते पार्टियां सतर्कता भी बरत रही हैं। शिवसेना ने अपने विधायकों को एक होटल में ठहराया है वहीं कांग्रेस नेता हुसैन दलवई ने कहा कि सभी कांग्रेसी विधायक एकजुट हैं। कोई भी विधायक पार्टी से बाहर नहीं जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि सभी विधायक पार्टी हाईकमान के आदेशों का पालन करेंगे। भाजपा को सरकार बनाना चाहिए। राकांपा हमारी गठबंधन सहयोगी है और वे मेरे साथ हैं। महाराष्ट्र के लोगों ने हमें राज्य की संरक्षा के लिए चुना है।
दो बार रहा राष्ट्रपति शासन
चुनाव नतीजे आने के 15 दिन बाद भी महाराष्ट्र में समय रहते सरकार नहीं बन पाना ऐतिहासिक है। महाराष्ट्र के 59 वर्षों के सियासी इतिहास में केवल दो बार राष्ट्रपति शासन रहा है। सन 1980 में फरवरी से जून और बाद में साल 2014 में सितंबर से अक्टूबर तक महज 33 दिन तक राष्ट्रपति शासन लागू हुआ था। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कल कहा था कि शिवसेना को मुख्यमंत्री पद देना हो तो भाजपा नेता हमें फोन करें अन्यथा नहीं तो जनता के सामने जाकर बताएं कि हम विपक्ष में बैठना चाहते हैं।