अन्य राज्यों के युवाओं को अतिरिक्त अंक देने पर विवाद
हरियाणा में जूनियर इंजीनियर (जेई) के 1624 पदों के लिए चल रही भर्ती में दूसरे राज्यों के युवाओं को भी सामाजिक-आर्थिक मापदंडों के तहत पांच से दस अंक का लाभ देने पर विवाद खड़ा हो गया है। कई आवेदकों ने आरोप लगाया कि अन्य राज्यों के अभ्यर्थियों को दस्तावेज सत्यापन के चरण में मात्र सेल्फ डिक्लेरेशन लेकर इस मापदंड में समान अंक दिए जा रहे हैं, जो नियमों के हिसाब से भी गलत है।
सरकारी नौकरियों में दूसरे राज्यों के युवाओं को भी पांच से दस अंक का लाभ देने की खिलाफत
कई अभ्यर्थियों ने पूर्व सांसद और कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य दीपेंद्र हुड्डा से भी मुलाकात की और मामले को उठाने का आग्रह किया। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि जिस तरह एसडीओ भर्ती में बाहरी लोगों को फायदा हुआ, उसी तर्ज पर जेई की भर्ती में हरियाणा के युवाओं के हितों को छीनने का प्रयास किया जा रहा है। इस मुद्दे को कांग्रेस द्वारा हरियाणा विधानसभा में उठाया जाएगा। उन्होंने सरकार से मांग की है कि मामले का निपटारा होने तक जेई भर्ती का अंतिम परिणाम घोषित न किया जाए।
रोहतक के अंकित, करनाल के रजत सैनी, सौंध के प्रदीप, कुरुक्षेत्र के हर्ष व श्वेता ढुल ने कहा कि अभी तक ग्रुप डी से लेकर पुलिस भर्ती सहित सभी भर्तियों में सामाजिक-आर्थिक मापदंडों का लाभ केवल हरियाणा के युवाओं को दिया जा रहा था। जेई भर्ती की पूरी प्रक्रिया अंतिम दौर में है तो नियमों में फेरबदल कर बाहरी राज्यों के अभ्यर्थियों को सिर्फ सेल्फ डिक्लेरेशन लेकर ही पांच से दस नंबर दिए जा रहे हैं।
इन पदों पर आवेदन के समय सामाजिक-आर्थिक मापदंडों वाला खंड केवल स्थानीय युवा ही भर पा रहे थे। विज्ञापन संख्या 10/2019 व अधिसूचना में भी साफ लिखा हुआ है कि हरियाणा का अधिवास प्रमाण देना अनिवार्य है। नोटिफिकेशन में भी साफ लिखा गया था कि आवेदन फॉर्म भरते समय जो दस्तावेज लगाए जाएंगे, वही दस्तावेज डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन के समय मान्य होंगे। अब बाहरी अभ्यर्थियों से पिछली तारीख में सेल्फ डिक्लेरेशन भरवा कर सारे नियम-कायदे ताक पर रखकर नंबर दिए जा रहे हैं।