जिले के 30 सबसेन्टर हेल्थ वेलनेस सेन्टर के रूप में विकसित, 24 घंटे मिलेंगी सुविधाएं
बाराबंकी। हेल्थ एंड वैलनेस कार्यक्रम के माध्यम से जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने की तैयारी चल रही है। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित चुनिंदा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के दिन बदलने वाले हैं। जल्दी ही इन केंद्रों को अपग्रेड कर इनमें स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। जिसका लाभ ग्रामीणों को मिलेगा। इसके लिए जिले के 1 पीएचसी अर्बन व 20 पीएचसी ग्रामीण क्षेत्र समेंत और 21 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र समेंत कुल 30 सबसेन्टर को हेल्थ वेलनेस सेन्टर के रूप में अपग्रेड किया गया । ये स्वास्थ्य केंद्र चौबीसों घंटे खुले रहेंगे। जहां डॉक्टर व स्टाफ नर्स तथा पैरा मेडिकल स्टॉफ लोगों के लिए उपलब्ध रहेंगे।
इन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को किया जाएगा विकसित
डीसीपीएम सुरेन्द्र कुमार ने बताया स्थानीय जनपद में एक नगरीय पीएचसी समेंत 20 ब्लॉक स्तरीय क्षेत्रीय पीएचसी को हेल्थ वेलनेस सेंटर के रूप में विकसित किया गया है। देवा ब्लाक में देवा शरीफ, उदवतपुर फतेहपुर में मझगवाँ शरीफ, मसौली में सफदरगंज, मसौली, उधौली निन्दूरा में लड्डूपुर, गगौली, बेनीकोडर में श्रीधरपुर, परकन पुरवा हैदरगंढ़ में सरायगोपी, सुबेहा, धलवारा, टीकारमन सिरौली गौसपुर में सैदनपुर सूरतगंज ब्लाक में मोहम्मदपुर बाना, छेदा, महादेवा हरख ब्लाक में हरख समेंत अन्य विकास खण्डो से 30 सब सेन्टर को हेल्थ वेलनेस सेन्टर के रुप में विकसित किया गया है।
उन्होंने बताया इन सब सेंटर पर कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर की तैनाती राज्यस्तर से किया गया है। इस हेल्थ वैलनेस सेंटर पर मधुमेंह, हाइपरटेंशन, गर्भाशय के मुख का कैंसर, स्तन कैंसर मुख कैंसर की जांच की सुविधा उपलब्ध रहेगी । इसी तरह इस वित्तीय वर्ष (2019 – 2020) में 83 सब सेंटर का चयन करके हेल्थ वेलनेस सेंटर के रूप में विकसित किया जायेगा।
भारत सरकार ने स्वास्थ्य केंद्रों के लिए कुछ मानक तय किए हैं। उप स्वास्थ्य केंद्र तो लगभग अधिकांश गांवों में खोले गए हैं। महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता और पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता की पदस्थापना की गई है। इसके अलावा चार से पांच गांव के बीच में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। जहां प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध है।
आशा घर-घर जाकर बनाएंगी फैमिली कार्ड
इस योजना के तहत चिह्नित क्षेत्रों में आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर प्रत्येक परिवार का फैमिली कार्ड बनाकर संबंधित परिवार के मरीजों की बीमारियों का ब्यौरा दर्ज होगा। आशाएं यह रिपोर्ट कार्ड संबंधित हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर पर उपलब्ध कराएंगी। यहां तैनात डॉक्टरों की टीम उनकी प्राथमिक जांच के बाद मरीजों को उच्च सेंटर के लिए रेफर करेगी।