‘तानाजी’ में बेटी काजोल को देखकर मां बोलीं- परनानी जैसी दिख रही हो

काजोल कभी भी फिल्मों में अपने लुक के साथ प्रयोग करने को लेकर नहीं हिचकिचाईं। उनकी अपकमिंग फिल्म में भी दर्शक उनके एक नए रूप को देखेंगे। बात हो रही है फिल्म ‘तानाजी : द अनसंग वॉरियर’ की, जिसमें वह अपने पति अजय देवगन के साथ नजर आएंगी। इस फिल्म में वह ठेठ मराठी अंदाज में नजर आने वाली हैं। इसमें उन्होंने नौवारी साड़ी पहनी है। जब इसे पहन कर खिंचाई गई एक तसवीर उन्होंने अपनी मां तनूजा को दिखाई, तो एक बेहद दिलचस्प बात सामने आई।

वह बताती हैं, ‘मैंने फिल्म ‘तानाजी : द अनसंग वॉरियर’ में नौवारी साड़ी पहनी है। मैं अपने इस अंदाज को लेकर इतनी उत्साहित थी कि मैंने इसकी तसवीर अपनी मां को दिखाई, जिन्होंने मुझसे कहा कि मैं इस तसवीर में एकदम अपनी परनानी (रतन बाली) जैसी लग रही हूं। मैंने कभी कल्पना तक नहीं की थी कि मैं कभी उनके जैसी नजर आ सकती हूं। मैंने उनकी तसवीर इंस्टाग्राम पर डाली थी। अगर आप उसे देखें तो पाएंगे कि मैं उनकी तरह एकदम नहीं दिखती। शायद नौवारी साड़ी, ज्वेलरी वगैरह का असर था कि मेरी मां को मुझमें उनका अक्स दिखा।’

काजोल बताती हैं कि फिल्म ‘तानाजी’ में काम करते हुए उन्होंने बहुत कुछ सीखा और यह काफी चुनौतीपूर्ण था। वह बताती हैं, ‘एक ऐसी फिल्म में काम करना, जिसमें वीएफएक्स की भरमार हो, काफी अलग होता है। यह भ्रमित करने वाला अनुभव भी होता है। जब आपसे कहा जाता है कि चेहरे पर भाव लाते हुए दाएं या बाएं मुड़ो, तो आप समझ नहीं पाते कि क्या करें। लगभग सब कुछ किसी न किसी तकनीक पर आधारित होता है। कई बार यह समझना मुश्किल हो जाता है कि आप जो कर रहे हैं, वह सही है या गलत।’

काजोल बताती हैं कि वह फिल्म ‘तानाजी’ के लिए मराठी भाषा में डबिंग करना चाहती थीं, पर जटिल शब्दावली के चलते इसमें बाधा आ रही थी। वह कहती हैं, ‘तानाजी के मराठी ट्रेलर में किरदार एक खास अंदाज में बात करते हैं। यह मराठी का आम लहजा नहीं है। इस लहजे को भावों के साथ बरकरार रखना काफी मुश्किल था। यह तभी संभव हो पाता, जब मैं हर एक सीन का अभ्यास छह से सात दिनों तक करती। यही वजह है कि मैंने इसके लिए किसी पेशेवर की मदद लेना ठीक समझा।’

पति अजय के बारे में काजोल का कहना है कि समय के साथ उनमें काफी परिपक्वता आ गई है। इनसान के रूप में वह पहले से बेहतर हुए हैं। सिनेमायी परदे पर भी यह बात जाहिर होती है। वह बताती हैं, ‘इश्क’ और ‘प्यार तो होना ही था’ जैसी फिल्मों के दौर से लेकर अब तक अजय में काफी तब्दीली आई है और उनकी फिल्मों को देखकर यह पता लगता है। फिल्मी परदे पर उनका किरदार जब भी कोई बात कहता है तो आप उस पर दिल से यकीन करना चाहते हैं। उनका किरदार जो कुछ कहता है, वह उस पर दिल से यकीन करते हैं और उस बात को लेकर अडिग रहते हैं। वैसे भी यह जाना-पहचाना तथ्य है कि कैमरे पर आप वही नजर आते हैं जो वास्तव में होते हैं, भले ही आप ऐसा चाहें या न चाहें। कैमरा एक ऐसा जादुई उपकरण है, जो आपको आपके सबसे ईमानदार रूप में दिखाता है।’

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