वेस्टर्न डिस्टर्बेेंस की वजह से पंजाब के अलग-अलग जिलों में दो दिन से रूक-रूककर हो रही बारिश

Punjab Weather Update वेस्टर्न डिस्टर्बेेंस की वजह से पंजाब के अलग-अलग जिलों में दो दिन से रूक-रूककर बारिश हो रही है। तेज हवाओं के बीच हुई बारिश से दिन का तापमान (अधिकतम तापमान) दस से 12 डिग्री सेलिसयस तक लुढ़क गया है। कई जिलों में दिन और रात का तापमान एक बराबर रहा। दिन के तापमान में गिरावट से कड़ाके की ठंड के चलते लोग कांप रहे हैं।

इंडिया मैट्रोलाजिकल डिपार्टमेंट चंडीगढ़ के अनुसार सूबे में बठिंडा सबसे ठंडा रहा। जहां तीन मिलीमीटर बारिश हुई और दिन व रात का तापमान एक बराबर आ गया। यहां दिन का तापमान 10.7 डिग्री सेल्सियस रिकाॅर्ड किया गया। दिन का तापमान सामान्य तापमान से 11 डिग्री सेल्सियस कम था। सामान्य तौर पर दिन का तापमान 21 डिग्री सेल्सियस तापमान होना चाहिए। जबकि न्यूनतम तापमान यहां 10.2  डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो कि सामान्य से छह डिग्री सेल्सियस अधिक था।

Punjab Weather Update लुधियाना में पांच मिलीमीटर बारिश रिकाॅर्ड की गई और दिन का तापमान 12.9  डिग्री सेल्सियस रिकाॅर्ड किया गया। जोकि सामान्य से पांच डिग्री सेल्सियस कम था। जबकि न्यूनतम तापमान 10.5 डिग्री सेल्सियस रहा। जो कि सामान्य से पांच डिग्री अधिक था। वहीं अमृतसर में दो मिलीमीटर बारिश और अधिकतम तापमान 11.1 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। अधिकतम तापमान यहां सामान्य से सात डिग्री सेल्सियस कम था। जबकि न्यूनतम तापमान 8.2  डिग्री सेल्सियस रिकाॅर्ड किया गया। जोकि सामान्य से 8.2 डिग्री अधिक था।

Punjab Weather Update इसी तरह जालंधर में तीन दिन से लगातार रुक-रुककर बारिश हो रही है। यहां तीन मिलीमीटर बारिश और अधिकतम तापमान 14.6  डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। न्यूनतम तापमान 10.4  डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जोकि सामान्य से पांच डिग्री सेल्सियस अधिक था। इंडिया मैट्रोलाजिकल डिपार्टमेंट चंडीगढ़ के पूर्वानुमान के अनुसार आठ जनवरी तक वेस्टर्न डिस्टर्बेंस का प्रभाव बरकरार रहने से बारिश रूक रूककर जारी  रह सकती है। कई जिलों में बादल भी छाए रह सकते हैं।

कृषि विशेषज्ञ डाॅ. बलदेव सिंह के अनुसार जनवरी से कोहरा पड़ रहा था। कोहरे की मार झेल रही फसलों के लिए सोमवार को हुई हल्की बारिश वरदान से कम नहीं है। बारिश फसलों के लिए ठीक है। खासकर, गेहूं, फलों व आलू की फसल के लिए तो बहुत फायदेमंद है। अगर बारिश नहीं होती, तो आलू की फसल बर्बाद हो जाती। हालांकि, अगर तेज बारिश हुई, तो इससे निचले इलाकों में लगाई गई फसलों में पानी जमा होने से नुकसान पहुंच सकता है। लेकिन मौसम विभाग ने आने वाले दो दिनों में हल्की बारिश की संभावना जताई है, तो किसानों को डरने की जरूरत नहीं है।

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