नागरिकता कानून संशोधन प्रभावी होने के बाद भी थमा नहीं विरोध प्रदर्शनों का दौर

संसद से 11 दिसंबर 2019 को पारित नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) 10 जनवरी 2020, रविवार से देशभर में लागू कर दिया गया। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ कई राज्‍यों में प्रदर्शनों का दौर अभी भी जारी है तो कई इसके समर्थन में रैलियां भी निकाल रहे हैं। इस क्रम में ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के विधायकों व नेताओं ने असम विधानसभा के सामने सोमवार को विरोध प्रदर्शन किया। बता दें कि असम विधानसभा का आज विशेष सत्र बुलाया गया है जो 2019 में संसद द्वारा पारित SC/ST आरक्षण को लेकर है।

इस कानून के खिलाफ शुरू से ही जबरदस्‍त विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। संसद से पारित होने के बाद से ही देश के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं वहीं कई जगहों पर समर्थन में भी रैलियां निकाली गई हैं। उल्‍लेखनीय है कि इस कानून के प्रति लोगों को जागरुक करने व पूरी तरह अवगत कराने के लिए भाजपा ने एक अभियान की भी शुरुआत की है।

एक गजट अधिसूचना के जरिए गृह मंत्रालय ने कहा था कि यह 10 जनवरी से प्रभावी होगा। इसके तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी।

अधिसूचना के अनुसार, ‘नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 (2019 का 47) की धारा 1 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए केंद्र सरकार 10 जनवरी 2020 को उक्त अधिनियम के प्रावधान प्रभावी होने की तारीख के रूप में तय करती है।

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