जानिए किस मुहूर्त में होगी मां सरस्वती की मूर्ति स्थापना और कब होगा विसर्जन…

Saraswati Puja 2020 Murti Sthapana: मां सरस्वती की आराधना को समर्पित वसंत पंचमी का त्योहार 30 जनवरी दिन गुरुवार को धूमधाम से मनाया जाएगा। इस दिन उत्तर भारत के कई क्षेत्रों समेत देश के अन्य हिस्सों में मां सरस्वती की पूजा की जाती है। बिहार, यूपी, बंगाल, दिल्ली आदि जगहों पर वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की प्रतिमा विधि विधान से स्थापित की जाती है। इसके लिए भी शुभ मुहूर्त देखा जाता है। एक दिन मूर्ति स्थापना के बाद यानी माघ शुक्ल षष्ठी को विसर्जन किया जाता है। आइए जानते हैं कि इस वर्ष वसंत पंचमी पर किस मुहूर्त में मां सरस्वती की मूर्ति स्थापना करनी है और विसर्जन कब करना है।

वसंत पंचमी पर मूर्ति स्थापना का मुहूर्त

माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को वसंत पंचमी मनाई जाती है। ऐसे में पंचमी तिथि का प्रारंभ 29 जनवरी बुधवार को दिन में 10:45 बजे से हो रहा है, जो 30 जनवरी गुरुवार को दोपहर 01:19 बजे तक है। ऐसे में आपको मां सरस्वती की मूर्ति की स्थापना बुधवार पंचमी ​तिथि में बुधवार को करें। लेकिन आपको मूर्ति की पूजा गुरुवार को सुबह ही करनी चाहिए क्योंकि उदया काल 30 जनवरी को प्राप्त हो रहा है।

मूर्ति स्थापना की विधि

माघ शुक्ल पंचमी के दिन स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद आप पीले वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को साफकर गंगा जल से पवित्र करें। अब मां सरस्वती को गंगाजल से स्नान कराएं। इसके बाद देवी सरस्वती को सफेद वस्त्र पहनाएं, साथ ही सिन्दूर तथा श्रृंगार की वस्तुओं से उनको सुशोभित करें। अब उनकी प्रतिमा को पूजा स्थल पर स्थापित करें।

फिर वहां कलश स्थापना के साथ श्री गणेश जी और नवग्रह की विधिपूर्व​क पूजा करें। अब माता सरस्वती को सफेद और पीले फूल तथा मालाएं अर्पित करें। गंध, धूप, दीप आदि से पूजन करें। उनको पीले फल चढ़ाएं। मां की चरणों में गुलाल भी अर्पित करें।

मूर्ति विसर्जन

पंचमी के दिन मूर्ति स्थापना होती है और षष्ठी के दिन मूर्ति विसर्जन होता है। इस बार वसंत पंचमी का प्रारंभ 29 जनवरी को हो रहा है और माघ शुक्ल षष्ठी दोपहर 01:19 बजे के बाद प्रारंभ हो रही है। ऐसे में आप दोपहर के बाद संध्या काल में विधिपूर्वक मूर्ति का विसर्जन करें।

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