लड़कियों में पीरियड्स के दौरान देखा जा सकता है अत्यधिक तनाव, इन उपायों से करे कम

महिलाओ और लड़कियों में अक्सर पीरियड्स के दौरान अत्यधिक तनाव देखा जा सकता है कई बार ये तनाव अत्यधिक विकराल रूप ले लेता है. जिससे निपटने के लिए इसकी गंभीरता को जानना जरुरी है ज्यादातर टीनऐजर्स को भी अत्यधिक तनाव में देखा जा सकता है. जिसके चलते उन्हें मांसपेशियों में खिंचाव व ऐंठन, पेट दर्द, जोड़ों व कमर में दर्द व थकान हो सकती है. ये परिवर्तन उन के यौवन काल में हो रहे परिवर्तनों से जुड़ी होते हैं. हारमोंस जैसे ऐस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरौन जो पीरियड्स को दुरुस्त करने का काम करते हैं, में उतारचढ़ाव की वजह से आप की भूख, पाचन शक्ति और ऊर्जा का स्तर प्रभावित हो सकता है और ये सब आप के मूड को भी प्रभावित करने का काम करेंगे. इस से मनोवैज्ञानिक कार्यप्रणाली पर भी असर पड़ सकता है. पीरियड्स के दौरान तनाव एक मूड डिसऔर्डर है, जिस से पीरियड्स के दौरान 5% महिलाएं प्रभावित होती हैं. निम्न उपाय पीरियड्स के दौरान तनाव को कम करने में मददगार साबित होंगे:

– रीलैक्सेशन टैक्नीक का उपयोग करने से स्ट्रैस कम होता है. इस के लिए आप योगा, मैडिटेशन और मसाज जैसी थेरैपी ले सकती हैं.

-पर्याप्त नींद लेना बहुत जरूरी है. लेकिन सिर्फ यही जरूरी नहीं है, बल्कि आप कोशिश करें कि आप का रोजाना सोने व उठने का एक समय हो. छात्राएं सोने के शैड्यूल को न बिगाड़ें, क्योंकि इस से हारमोंस पर असर पड़ता है.

-आप कौंप्लैक्स कार्बोहाइड्रेट वाली डाइट लेना चाहिए. अपनी डाइट में साबूत अनाज व स्टार्ची वैजिटेबल्स ऐड करें, जो पीरियड्स के दौरान मूड स्विंग व तनाव को कम करने का काम करेंगी. कैल्सियम रिच फूड जैसे दूध व दही लें. खाने में ज्यादा से ज्यादा फलों व सब्जियों को शामिल करें. थोड़ाथोड़ा खाएं ताकि पेट फूलने की समस्या न हो. अलकोहल व कैफीन से दूरी बनाएं.

-अनेक अध्ययनों से पता चला है कि कैल्सियम और विटामिन बी-6 दोनों तनाव के शारीरिक और मनोवैज्ञानिक लक्षणों को कम करने का काम करते हैं.

-दौड़ने या साइक्लिंग करने से मूड ठीक होता है.

इसके अलावा अपनी डाइट का ख्याल रखे , इन उपायों से अपने तनाव के स्टार को काफी हद तक कम कर सकते है और आपके परेशानियों को भी कम कर सकते है।

Related Articles

Back to top button