उम्र के साथ साथ कैंसर को भी कम करता है ओमेगा-थ्री
अक्सर लोग यही चाहते है कि में एक लम्बी उम्र जीयु, यह इच्छा सभी के अंदर होती है. लेकिन उम्र का खेल तो भगवान निश्चित करता है. फिर भी इस ज़माने में अगर आप लंबी उम्र चाहते हैं तो अपने खाने में ओमेगा-थ्री को शामिल करे. अमरीका की ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के मुताबिक इसके प्रयोग से हृदय रोगों, टाइप-2 डायबिटीज, आर्थराइटिस और याददाश्त में कमी जैसे रोगों पर काबू पाया जा सकता है. अलसी के बीज, सोयाबीन तेल, बादाम व अखरोट इसके स्रोत हैं. हमारे शरीर के हर इंच को ओमेगा-3 से लाभ मिलता है.
ओमेगा-3 फैटी एसिड्स के तीन प्रकार होते हैं डीएचए, ईपीए और एएलए. एएलए सबसे महत्वपूर्ण ओमेगा-3 फैटी ऐसिड है, जो ईपीए और फिर डीएचए में परिवर्तित हो जाता है. एएलए वनस्पति आधारित ओमेगा-3 फैट है, जो कि शाकाहारियों के लिए सर्वोत्तम विकल्प है क्योंकि इसके अन्य प्रकार यानी डीएचए व ईपीए मछली में पाए जाते हैं. आपको बता दे कि मछली में एएलए नहीं होता. सालों से ओमेगा-3 फैटी एसिड्स को पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द, मेनोपॉज और कैंसर में कारगर माना जाता है. एएलए आधारित ओमेगा-3 फैटी एसिड्स कैंसर से लड़ते हैं.
ये ट्यूमर की वृद्घि को धीमा कर देते हैं विशेषकर स्तन एवं आंत के कैंसर में. एएलए आधारित ओमेगा-3 कुदरती ऐंटी-इंफ्लेमेट्री एजेंट हैं, जो कोशिकाओं के परिवर्तन को रोकता है और कैंसर पनपने की आशंका को 56 प्रतिशत तक कम करती है. एएलए आधारित ओमेगा-3 फैटी एसिड्स दिल को सेहतमंद रखने में लाभकारी होते हैं. ये हार्ट रेट को कम कर देते हैं जिससे अचानक दिल का दौरा पडऩे का जोखिम कम होता है.