दिल्ली सरकार ने कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए बायोमेट्रिक उपस्थिति पर लगाई रोक
दिल्ली सरकार ने कोरोना वायरस (Coronavirus) के खतरे को देखते हुए बायोमेट्रिक उपस्थिति (biometric attendance) पर रोक लगा दी है। केजरीवाल सरकार ने यह फैसला कोरोना वायरस के संभावित खतरे को देखते हुए सुरक्षा कारणों से किया है। अस्थायी रूप से यह रोक अगले आदेश तक जारी रहेगी।
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, इस संबंध में दिल्ली सरकार ने सभी सरकारी दफ्तरों के विभागाध्यक्षों को बायोमेट्रिक अटेंडेंस प्रणाली को निलंबित करने के लिए कहा है। दिल्ली सरकार की तरफ से प्रमुख सचिव, विभागों के सचिवों, नगर नगमों और स्वायत्त निकायों के प्रमुखों को एक पत्र लिखा है।
पत्र के माध्यम से सरकार ने इन सभी से अपने-अपने दफ्तरों में बायोमेट्रिक अटेंडेंस पर अस्थायी रूप से सस्पेंड करने की सलाह दी है। बता दें कि बृहस्पतिवार को दिल्ली से सटे गाजियाबाद में कोरोना का एक मामला सामने आया है। पीड़ित व्यक्ति की जांच रिपोर्ट में कोरोना की पुष्टि हुई है।
पांचवी तक के सभी स्कूल
बता दें कि कोरोना वायरस की वजह से ऐतियातन दिल्ली में पांचवी कक्षा तक के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल 31 मार्च तक बंद रहेंगे। दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने इस संबंध में आदेश जारी किया है।
इटली के संदिग्ध 14 मरीज मेदांता में भर्ती
मेदांता अस्पताल में इटली के 14 लोगों को कोरोना वायरस का संदिग्ध मरीज मानकर भर्ती किया गया है। सभी को बुधवार देर रात अस्पताल लाया गया। इस बात की जानकारी मेदांता प्रबंधन की तरफ से दी गई है। जारी बयान में बताया गया कि सरकार की अपील के बाद मेदांता अस्पताल ने कोरोना वायरस के संदिग्ध
मरीजों को भर्ती किया। सभी को विशेष रूप से बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है। इन मरीजों से अस्पताल के डॉक्टरों व जरूरी स्टाफ के अलावा किसी को नहीं मिलने दिया जा रहा है। एक विशेषज्ञ मेडिकल टीम द्वारा इनकी निगरानी की जा रही है।
अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि मरीजों के भर्ती होने से किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं है। अस्पताल की सभी सेवाएं सामान्य तौर पर चल रही है। इन मरीजों के कारण किसी भी अन्य मरीज व अस्पताल में आने-जाने वालों को कोई खतरा नहीं है।