मोदी ने महिलाओं को संबोधित करते हुए सबसे पहले अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर दी बधाई…
मोदी ने महिलाओं को संबोधित करते हुए सबसे पहले अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर बधाई दी। उन्होंने कहा हम अपनी नारी शक्ति की भावना और उपलब्धियों को सलाम करते हैं। जैसा कि मैंने कुछ दिन पहले कहा था कि मैं सोशल मीडिया अकाउंट बंद कर रहा हूं। सात महिलाएं अपनी जीवन से जुड़ी कहानियां साझा करेंगी और मेरे सोशल मीडिया अकाउंट से आपके साथ बातचीत करेंगी।
International Women’s Day Live Update
– आपने सोचा के लिए भोजन के बारे में सुना। अब, हमारे गरीबों के बेहरत भविष्य के लिए कार्रवाई का समय है। नमस्कार मैं हूँ @snehamohandoss स्नेहा मोहन दास। मेरी मां से प्रेरित होकर मैंने ये काम शुरु किया, जिन्होंने बेघरों को खाना खिलाने की आदत डाली, मैंने फूडबैंक इंडिया नाम से यह पहल शुरू की। #SheInspiresUs
– पीएम ने ट्वीट कर कहा मैं स्वयंसेवकों के साथ काम करता हूं, जिनमें से कई भारत के बाहर हैं, भूख मिटाने की दिशा में काम करने के लिए। हमारे पास 20 से अधिक अध्याय हैं और हमने अपने काम से कई लोगों को प्रभावित किया है। हमने मास कुकिंग, कुकिंग मैराथन, ब्रेस्ट फीडिंग अवेयरनेस ड्राइव जैसी गतिविधियां भी शुरू कीं है।
– भारत में राष्ट्र के सभी हिस्सों में महिलाओं की उपलब्धि है। इन महिलाओं ने कई क्षेत्रों में शानदार काम किया है। उनके संघर्ष और आकांक्षाएं लाखों लोगों को प्रेरित करती हैं। आइए हम ऐसी महिलाओं की उपलब्धियों का जश्न मनाते रहें और उनसे सीखें।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज नई दिल्ली में लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने आधिकारिक आवास पर नारी शक्ति पुरस्कार हासिल करने वाली महिलाओं से संवाद कर रहे हैं। साथ ही वह महिलाओं को प्रेरित करने वाली कहानियां भी सुनेंगे। खास बात ये है कि पीएम मोदी आज अपना सोशल मीडिया अकाउंट किसी महिला को सौपेंगे। इससे पहले तक सरकार ने कई ऐसी महिलाओं की कहानियां शेयर की है जो काफी प्रेरणा देने वाली हैं।
सोशल मीडिया पर सरकार ने बताई फाल्गुनी की कहानी
सरकार ने ट्वीटर अकाउंट पर गृहिणी फाल्गुनी की कहानी शेयर की ट्वीट में बताया गया कि गृहिणी फाल्गुनी दोषी ने जरूरतमंदों के लिए व्हीलचेयर, वॉकर, अस्पताल के बेड, बैसाखी आदि उपकरणों की आसान पहुंच के लिए एक रास्ता निकाला और उन्हें प्रतिदिन कम से कम Re.1 से लेकर रु 5 तक के लिए किराए पर देना शुरू कर दिया। इस योजना के माध्यम से हजारों लोग लाभान्वित हुए हैं।
सुजाता साहू आयरन लेडी ऑफ लद्दाख
सुजाता साहू, जिसे ‘लद्दाख की आयरन लेडी भी कहा जाता है, उन्होंने 17000 एजुकेशन के नाम से एक फाउंडेशन की स्थापना की जिसका उद्देश्य लद्दाख के दूरदराज के गांवों के लोगों के जीवन को बेहतर बनाना है। 2014 तक, इस फाउंडेशन ने 50,000 पुस्तकों का दान किया, 15 स्कूलों और अधिक में खेल के मैदान स्थापित किए। #SheInspiresUs
सालों से लोगों की मदद कर रही हॉक्टर दादी
भक्ति यादव जो किसी सरकारी अस्पताल में काम नहीं करती है। उन्हें ‘डॉक्टर दादी’ के नाम से भी जाना जाता है। 91 वर्षीय इंदौर, एमबीबीएस की डिग्री हासिल करने वाली पहली महिला हैं। वह पिछले 68 सालों से मरीजों का मुफ्त में इलाज कर रही है और इससे हजारों बच्चों को जन्म देने में मदद मिली है।