म्यांमार के सुदूरवर्ती सीमा क्षेत्र में हेरोइन और मेथामफेटामाइन की पड़ी हुई है बहुत बड़ी खेप
म्यांमार के सुदूरवर्ती सीमा क्षेत्र में हेरोइन और मेथामफेटामाइन की बहुत बड़ी खेप पड़ी हुई है। दक्षिण एशिया के सबसे बदनाम जगह गोल्डन ट्रैंगल के मध्य में मारे गए छापे में म्यांमार सेना ने नशीले पदार्थो का एक बड़ा जखीरा पकड़ा है। इस सप्ताह दुनिया में नशीले पदार्थो के सबसे बड़े उत्पादन केंद्र माने जाने वाले क्षेत्र में यह अभी तक की सबसे बड़ी जब्ती है। इस दौरान मेथामफेटामाइन की चार करोड़ तीस लाख गोलियां बरामद की गई हैं।
कानून की घेराबंदी से बाहर वन क्षेत्र से विद्रोही समूहों और गोपनीय संगठित अपराध नेटवर्क द्वारा बड़े पैमाने पर नशे की आपूर्ति जारी है। इस काम को अंजाम देने वाले हर साल अरबों डॉलर बना रहे हैं।
म्यांमार के शान प्रांत के कुटकाइ इलाके के आसपास सैनिक अभियान के दौरान लाखों याबा गोलियां तथा कैफीन-कट मेथ टैबलेट का उत्पादन करने वाली फैक्टि्रयां मिलीं। जहां से यह जखीरा मिला है वहां तक पुलिस नहीं पहुंच पाती है। म्यांमार पर अपने सीमावर्ती क्षेत्र से हो रहे नशे के बेलगाम कारोबार को ध्वस्त करने का दबाव है।
कहां है गोल्डन ट्रैंगल
गोल्डन ट्रैंगल दुर्गम, विषम भूमि का एक ऐसा हिस्सा है जो म्यांमार, लाओस, चीन और थाइलैंड की सीमा पर स्थित है और यह इन सभी देशों में पसरा हुआ है। म्यांमार का शान प्रांत इसी गोल्डन ट्रैंगल का हिस्सा है। बेतहाशा उत्पादन के बावजूद अधिकारी यहां लगाम लगाने में विफल हैं।
भारत-म्यांमार सीमा पर तारबंदी की मांग
मिजोरम के एक एनजीओ ने भारत-म्यांमार सीमा पर तारबंदी की मांग की है। एनजीओ ने दावा किया है कि पिछले 15 दिनों में म्यांमार से मिजोरम में नशीले पदार्थो की बड़ी खेप की तस्करी की गई है। एनजीओ के अध्यक्ष प्रीतोश चकमा ने कहा है कि पड़ोसी देश से तस्करी कर लाई गई नशीले पदार्थो की बड़ी खेप जब्त की गई और 134 तस्करों को गिरफ्तार किया गया है।