नक्शा विवाद के बीच सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा- विदेश नीति को बदलने की है आवश्यकता
नेपाल (Nepal) और भारत (India) के बीच पिछले कुछ दिनों से चले आ रहे विवाद के बीच आखिरकार शनिवार दोपहर को नेपाल की संसद में संविधान संशोधन बिल पास (Constitution Amendment Bill) कर दिया गया. संविधान संशोधन के बाद इस हिमालयी राष्ट्र का नक्शा बदल गया है. नेपाल के साथ भारत के विवाद पर अब बीजेपी (BJP) नेता सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanian Swamy) ने तल्ख टिप्पणी की है. स्वामी ने कहा कि दोनों देशों के बीच जिस तरह के हालात हैं उसको देखते हुए विदेश नीति को बदलने की जरूरत है. उन्होंने सरकार से सवाल पूछते हुए कहा है कि ऐसा क्या है जिसने नेपाल को भारत के साथ रिश्ते तोड़ने पर मजबूर किया है.
भाजपा के राज्यसभा सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री डा. सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट करते हुए कहा है कि भारतीय इलाकों के बारे में नेपाल कैसे सोच सकता है? उनकी भावनाओं को इस कदर चोट कैसे पहुंची कि वो भारत के साथ रिश्तों को तोड़ना चाहते हैं? क्या यह हमारी विफलता नहीं है? विदेश नीति को फिर से स्थापित किए जाने की जरूरत है.’
How can Nepal think of asking for Indian territory? What has hurt their sentiments so much that they want to break with India? Is it not our failure? Need RESET in foreign policy too
— Subramanian Swamy (@Swamy39) June 14, 2020
गौरतलब है कि नेपाल की प्रतिनिधि सभा में ये नक्शा दो तिहाई बहुमत से पास हुआ है. नेपाल की संसद में पास हुआ ये नक्शा विवादित है जिसमें कि भारत के तीन इलाके लिंपियाधुरा, कालापानी और लिपुलेख भी शामिल किए गए हैं. भारत ने 20 मई को इस नक्शे को खारिज करते हुए इसे अनुचित मानचित्र संबंधी दावा बताया था.
2015 में भी हुआ था मनमुटाव
2015 में आपूर्ति में हुई रुकावट के परिणामस्वरूप भारत और नेपाल के बीच एक गंभीर मनमुटाव पैदा हो गया था. भारत ने इस बात से इनकार किया था कि उसने नेपाल के खिलाफ किसी भी नाकेबंदी का आह्वान किया था और लगातार इस बात पर जोर दिया था कि मधेश के प्रदर्शनकारियों ने सीमाओं को रोक दिया है, जिससे भारत में आवश्यक सामानों वाले ट्रकों की आपूर्ति बाधित हो रही है. हालांकि, नेपाल ने भारत पर एक आर्थिक नाकेबंदी की ओर बढ़ने का आरोप लगाया, जिसके परिणामस्वरूप उसकी पहाड़ी आबादी जो भारत से रसोई गैस और अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति पर निर्भर थी उसकी परेशानियां बढ़ गईं.