जानिए कैसे बना रोम दो देशो की राजधानी?

भले ही रोम आप नहीं गए होंगे, लेकिन अपने इसके बारे में सुना तो होगा ही. वैसे तो यह इटली की राजधानी है, लेकिन इसके अलावा भी एक और देश है, जिसकी राजधानी भी रोम को ही माना जाता है. जी हां, इस देश का नाम है वेटिकन सिटी, जिसे दुनिया का सबसे छोटा देश माना गया है. ईसाई धर्म के प्रमुख संप्रदाय रोमन कैथोलिक चर्च का यही केंद्र है और इस संप्रदाय के सर्वोच्च धर्मगुरु पोप का निवास स्थान भी यही है. असल में वेटिकन सिटी रोम के अंदर ही स्थित है. इसी कारण से यह शहर दो देशों की राजधानी कहलाता है. वहीं, रोम को सात पहाड़ियों का नगर, प्राचीन विश्व की सामग्री और इटरनल सिटी (होली सिटी यानी पवित्र शहर) के उपनामों से भी जाना जाता है. यह शहर वर्ष 1871 में इटली साम्राज्य की राजधानी बना था और 1946 में यह इटली गणतंत्र की राजधानी कहलाया.

बता दें की प्राचीन काल में रोम एक साम्राज्य था, जिसके संस्थापक और पहले राजा रोम्यूलस थे. माना जाता है कि उन्ही के नाम पर रोम का नामकरण हुआ था. रोम्यूलस के एक जुड़वां भाई भी थे, जिनका नाम रेमुस था. कहा जाता है कि उन्हें मादा भेड़िये ने पाला था. ये भी माना जाता है कि इमारतें बनाने के लिए दुनिया में सबसे पहले कंक्रीट का इस्तेमाल 2100 साल पहले रोम के निवासी यानी रोमन लोगों ने किया था. सिर्फ यही नहीं, यह भी कहा जाता है कि दुनिया का पहला शॉपिंग मॉल यहां 107-110 ईसवी में ही बन गया था, जिसे ‘ट्रेजन्स मार्केट’ कहा जाता था.

वहीं, रोम को अगर ‘चर्चों का शहर’ कहा जाए तो यह गलत नहीं होगा, क्योंकि यहां 900 से ज्यादा चर्च मिल जाएंगे, जिनमें से कुछ तो सैकड़ों साल पुराने हैं. इसके अलावा यहां 200 से भी अधिक फाउंटेन (फव्वारे) भी हैं. यहां का एतिहासिक ट्रेवी फाउंटेन पर्यटकों का सबसे ज्यादा पसंदीदा स्थल है, जहां हजारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं.

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