कांग्रेस नेता शहनवाज आलम गिरफ्तार, प्रियंका का योगी सरकार पर हमला, कहा- दबा नहीं सकते हमारी आवाज
राजधानी लखनऊ में सीएए और एनआरसी के विरोध में प्रदर्शन की आड़ में परिवर्तन चौराहे पर उपद्रव करने के आरोप में पुलिस ने सोमवार रात यूपी कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के चेयरमैन शहनवाज आलम के साथ एक अन्य को गिरफ्तार किया। शहनवाज की गिरफ्तारी के बाद पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमला बोला है। सोशल मीडिया पर बेहद सक्रिय प्रियंका गांधी ने मंगलवार को दो ट्वीट किया और कहा कि यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार आप लोग दूसरी पार्टियों की आवाज दबा सकते हो, हमारी नहीं।
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव तथा उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि भाजपा की योगी आदित्यनाथ सरकार उत्तर प्रदेश पुलिस को दमन का औजार बनाकर भले ही दूसरी पार्टियों को आवाज उठाने से रोक सकती है, हमारी पार्टी की नहीं। उन्होंने सभी विपक्षी दलों को भी आड़े हाथ लिया है। प्रियंका गांधी वाड्रा ने लिखा कि कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता जनता के मुद्दों पर आवाज उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भाजपा सरकार यूपी पुलिस को दमन का औजार बनाकर दूसरी पार्टियों को आवाज उठाने से रोक सकती है, हमारी पार्टी की नहीं। ट्वीट के साथ उन्होंने सीसीटीवी की फुटेज भी डाली है और कहा कि आप सभी देखिए किस तरह यूपी पुलिस ने हमारे अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष को रात के अंधेरे में उठाया। आगे प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि पहले फर्जी आरोपों को लेकर हमारे प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को चार हफ्तों के लिए जेल में रखा। पुलिसिया कार्रवाई दमनकारी और आलोकतांत्रिक है। अब तो कांग्रेस के सिपाही पुलिस की लाठियों और फर्जी मुकदमों से नहीं डरने वाले।
लखनऊ में सोमवार रात हजरतगंज पुलिस ने कांग्रेस नेता शहनवाज आलम व एक अन्य को गिरफ्तार किया है। शहनवाज यूपी कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के चेयरमैन हैं। शहनवाज पर लखनऊ के परिवर्तन चौराहे पर प्रदर्शन के दौरान लोगों को भड़काने और पुलिस पर हमला करने का आरोप है।
कांग्रेस नेता की गिरफ्तारी की खबर मिलते ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू समेत तमाम पार्टी के कार्यकर्ता व पदाधिकारी हजरतगंज कोतवाली पहुंच गए। कांग्रेस अध्यक्ष ने सरकार और पुलिस प्रशासन पर तानाशाही का आरोप लगाया। इस दौरान कोतवाली में काफी देर तक हंगामा चलता रहा। इसके बाद पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर कार्यकर्ताओं को बाहर निकाला इसके बाद भी देर रात तक कार्यकर्ता व पदाधिकारी वहां जमे रहे।
पुलिस के मुताबिक 19 दिसंबर को लखनऊ में विभिन्न संगठनों ने सीएए और एनआरसी के विरोध में प्रदर्शन किया था। इस दौरान सैकड़ों की भीड़ ने न केवल पुलिस पर हमला किया था बल्कि कई गाडिय़ों में आग लगा दी थी। इस दौरान कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे। इस मामले में पुलिस आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल कर चुकी है। राजधानी में उपद्रव के उन आरोपितों पर अब गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है, जिन्होंने तय जुर्माना नहीं भरा। प्रशासन ने उनकी गिरफ्तारी के निर्देश जारी कर दिए हैं। हिंसा में निजी और सरकारी संपत्ति को मिलाकर साढ़े पांच करोड़ का नुकसान हुआ था। पांच थाना क्षेत्रों में उपद्रवियों ने तोडफ़ोड़, हिंसा, वाहनों में आगजनी की थी।