केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर का हरियाणा भाजपा अध्यक्ष बनना लगभग निश्चित
हरियाणा भाजपा के नए अध्यक्ष की घोषणा आज शाम तक या कल हाे जाएगी। बताया जाता है कि भाजपा ने राज्य में गैर जाट कार्ड खेलने की तैयारी की है। केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर का हरियाणा भाजपा (Haryaan BJP President) बनना लगभग तय माना जा रहा है। पिछले विधानसभा चुनाव में जाटों को भाजपा को अधिक समर्थन नहीं मिला था और उसके अधिकतर बड़े जाट नेता हार गए थे। इसके बाद पार्टी ने गैर जाट कार्ड खेलने का मन बनाया है।
भाजपा के सूत्रों से जानकारी के अनुसार केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर के नाम की भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के लिए आज शाम घोषणा संभव है। यह भी कहा जा रहा है कि गुर्जर केंद्रीय मंत्रिमंडल में बदलाव होने तक राज्य मंत्री और प्रदेश अध्यक्ष दोनों पदों पर बने रहेंगे। वह पहले भी प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और उनको संगठन चलाने का पूरा अनुभव है। हुड्डा सरकार के समय वह अपने चार विधायकों के साथ विधानसभा में टकराते रहे थे।
उधर, भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री मुरलीधर राव ने कृष्णपाल गुर्जर को ट्वीट पर बधाई दे दी। उन्होंने लिख कि कृष्णपाल गुर्जर को हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष बनने पर अनेकों बधाइयां। हालांकि बाद में उन्होंने ट्वीट को डिलीट कर दिया। बता दें कि अभी तक हरियाणा अध्यक्ष पद के लिए भाजपा की ओर से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
बताया जाता है कि हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए वह मुख्यमंत्री मनोहर लाल की पहली पसंद हैं। कहा जा रहा है कि कैप्टन अभिमन्यु और ओमप्रकाश धनखड़ को अलग-थलग करने के लिए मनोहर लाल ने यह दांव खेला है। मुख्यमंत्री की पूर्व की पसंद सुभाष बराला, कमल गुप्ता, नायब सैनी और संदीप जोशी के नाम पर जब हाईकमान सहमत नहीं हुआ तो कृष्णपाल गुर्जर का नाम किया मुख्यमंत्री ने आगे किया।
जानकारों का है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पद पर कृष्णपाल गुर्जर की ताजपोशी हुई तो पूर्व केंद्रीय मंत्री चाैधरी बीरेंद्र सिंह का राजनीतिक कद भी भाजपा मेें बढ़ेगा। बीरेंद्र सिंह का खेमा यह कहेगा कि हाईकमान ने उनके नेता की पसंद को तरजीह दी। इसके साथ ही अब हरियाणा भाजपा काजाट अध्यक्ष नहीं होने का फायदा बीरेंद्र सिंह उठाने की कोशिश करेंगे। वह अपने बेटे सांसद बृजेंद्र सिंह को मंत्री बनवाने के लिए लाबिंग करेंगे।
गुर्जर की नियुक्ति हुई तो यह हरियाणा में भाजपा ने गैर जाट कार्ड होगा। विधानसभा चुनाव में भाजपा को जाट मतदाताओं का समर्थन नहीं मिला था और इसी कारण पार्टी विधानसभा में बहुमत हासिल करने से चूक गई थी। जाट मतदाताओं के समर्थन के अभाव में ही भाजपा उम्मीद से कम 40 सीटें ही हासिल कर पाई थी।
इसके साथ ही माना जा रहा है कि हरियाणा में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की ताजपोशी के साथ ही प्रदेश मंत्रिमंडल में बदलाव तय है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की कैबिनेट में अब भाजपा के किसी जाट विधायक को तरजीह दी जा सकती है। तीन मंत्रियों की छुट्टी कर जाट, पिछड़े व निर्दलीय विधायकों को एडजेस्ट करने की भी चर्चाएं हैं।
हरियाणा भाजपा के अध्यक्ष पद के चुनाव में भाजपा के सहयोगी दल जजपा के संयोजक दुष्यंत चौटाला की पसंद का भी ख्याल गया है। बताया जाता है कि दुष्यंत चौटाला ने किसी जाट नेता को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बनाने का विरोध किया था। कैप्टन अभिमन्यु या ओमप्रकाश धनखड़ के प्रदेश अध्यक्ष बनने की स्थिति में भाजपा-जजपा गठबंधन में शामिल दुष्यंत को राजनीतिक नुकसान हाे सकता था। कहा जा रहा है कि भाजपा भी नहीं चाहती थी कि गठबंधन को लेकर किसी तरह का विवाद खड़ा हो सके।
हरियाणा भाजपा के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति के साथ ही संगठन में भी बदलाव की संभावना है। चर्चा है भाजपा के प्रदेश प्रभारी डा. अनिल जैन और प्रांतीय संगठन महामंत्री सुरेश भट्ठ भी बदले जा सकते हैं। पूर्व सीएम हुड्डा और चौटाला को टक्कर देने के लिए भाजपा हरियाणा में अपनी मजबूत टीम तैयार करेेगी।