दिल्ली में मकानों को खाली कराए जाने के नोटिस के विरोध में स्थानीय लोग उतरे सड़कों पर
पूर्वी दिल्ली नगर निगम द्वारा ईस्ट लक्ष्मी मार्केट इलाके के अवैध मकानों को खाली कराए जाने के नोटिस के विरोध में स्थानीय लोग सड़कों पर उतर आए हैं। सोमवार को कार्रवाई की कड़ी में मास्टर प्लान रोड के किनारे अवैध रूप से बने मकानों को तोड़ने के लिए जब जेसीबी बुलाई गई तो महिलाएं उसके सामने बैठ गईं और फिलहाल भारी विरोध प्रदर्शन जारी है। अतिक्रमण के चलते यहां के 50 से ज्यादा मकानों को तोड़ा जाना है।
बता दें कि इसी साल जनवरी महीने में पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने ईस्ट लक्ष्मी मार्केट के 50 मकान मालिकों को घर खाली करने का आदेश दिया था। अदालत से भी मुहर लगने के बाद निगम ने मकानों के बाहर नोटिस चस्पा कर दिए थे, जिससे इलाके में हड़कंप मचा हुआ था। इन 50 मकानों में तकरीबन 400 लोग रहते हैं।
लोगों का कहना है कि वे यहां 45 साल से रह रहे हैं। ईस्ट लक्ष्मी मार्केट की गली नंबर एक में ये मकान हैं, जो नाले पर बने मास्टर प्लान रोड से सटे हुए हैं। खुरेजी लाल बत्ती से लेकर चित्रा विहार के बीच 200 मीटर की दूरी और 20 फुट चौड़ाई में ये मकान बने हुए हैं।
वहीं, कोर्ट भी इन मकानों को तोड़ कर अतिक्रमणमुक्त कराने का आदेश दे चुका है। निगम की इस कार्रवाई से इलाके के लोगों में हड़कंप है। ईस्ट लक्ष्मी मार्केट गली नंबर एक रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के श्याम कुमार कहते हैं कि यह जमीन किसकी है यह अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है। लोग यहां मकानों की रजिस्ट्री या पॉवर ऑफ अटार्नी करवा कर 45 साल से रह रहे हैं। अभी जो नाला है वह कभी नहर हुआ करती थी। नहर के किनारे कुछ लोग बस बस गए थे। कालांतर में उन्होंने जमीनें बेच दीं जो वर्तमान में रह रहे लोगों ने खरीद ली। दिल्ली सरकार के किसी विभाग की या निगम की यह जमीन नहीं है।
इलाके में रहने वाले लोगों का सवाल है कि जब दिल्ली में किसी झुग्गी बस्ती को नहीं उजाड़ा जा रहा है तो जमीन खरीद कर तीन से चार मंजिल मकान बनाने वालों का क्या दोष है। नगर निगम व दिल्ली सरकार को उनके लिए सोचना चाहिए। इतने सालों से बसी इस कॉलोनी को नियमित कर देना चाहिए, जिससे यहां के लोग चैन की सांस ले सकें।