दिल्ली में खुला एक और प्लाज्मा बैंक, CM केजरीवाल ने किया उद्घाटन
लोक लायक अस्पताल में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पहुंचकर दिल्ली के दूसरे प्लाज्मा बैंक का उद्घाटन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्लाज्मा देने के लिए आए दो मरीजों को गौरव पत्र देकर उनका हौसला बढ़ाया। साथ ही कोरोना से जंग जीतकर घर लौटे लोगों से प्लाज्मा देने की अपील भी की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली के सभी सरकारी अस्पताल कोरोना को लेकर पूरी तरीके से तैयार हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली के अस्पतालों में हजारों बेड अभी खाली हैं, अगर मरीजों की संख्या बढ़ती है तो दिल्ली उसके लिए पूरी तरीके से तैयार है और आगे के लिए तैयारियां जारी हैं। सीएम ने कहा कि दिल्ली में प्लाज्मा से मरीज ठीक हो रहे हैं जिसके चलते दिल्ली सरकार ने यह दूसरा प्लाज्मा बैंक खोलने का निर्णय लिया है।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के बढ़ते मरीजों कि संख्या का कोई अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है। मरीजों की संख्या का आंकलन करने में बड़े बड़े विशेषज्ञ फेल साबित हो रहे हैं।
इससे पहले दिल्ली सरकार के अस्पताल इंस्टिट्यूट ऑफ लीवर एंड बिलिअरी साइंसेस (ILBS) में प्लाज्मा बैंक शुरू किया गया था। सीएम केजरीवाल ने लोगों को अपील करते हुए कहा था कि यह तभी संभव है जब प्लाज्मा को लोग डोनेट करेंगे। पहले प्लाज्मा बैंक की सफलता को देखते हुए सरकार ने दूसरा प्लाज्मा बैंक शुरू किया है। इससे कोरोना संक्रमित मरीजों को राहत मिलेगी।
स्टेडियमों में नहीं बनेंगे कोविड सेंटर
वहीं, दिल्ली सरकार ने कोरोना के मरीजों के इलाज के बाद स्वस्थ होने की अच्छी दर के मद्देनजर स्टेडियमों को अस्थायी कोविड केंद्र के रूप में इस्तेमाल में लाने की योजना फिलहाल स्थगित कर दी है। हालांकि दिल्ली सरकार स्थिति पर नजर गड़ाए हुए है। प्रतिदिन आने वाले मरीजों की समीक्षा की जा रही है। आठ दिन तक स्थिति का आकलन करने के बाद स्टेडियमों को अस्थायी कोविड देखभाल केंद्र के रूप में इस्तेमाल न करने की घोषणा कर दी जाएगी।
पिछले महीने उपराज्यपाल द्वारा गठित दिल्ली सरकार के पैनल ने प्रगति मैदान, तालकटोरा इनडोर स्टेडियम, इंदिरा गांधी इनडोर स्टेडियम, जेएलएन स्टेडियम, त्यागराज इनडोर स्टेडियम और ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम को इस काम के लिए उपयोग में लाने का सुझाव दिया था। गत शनिवार को सरकार के एक अध्ययन में सामने आया कि पिछले दो सप्ताह के दौरान रोजाना होने वाली मौत में काफी कमी आई है। हालात लगातार सुधर रहे हैं।