दिसंबर माह में पिछले वर्ष टूटा था 119 साल का रिकॉर्ड, इस साल पड़ेगी कड़ाके की ठंड
देश के अधिकतर राज्यों में मौसम ने करवट ले ली है। सर्दी को लेकर मौसम विभाग ने पहले ही बता दिया है कि इस साल कड़ाके की ठंड पड़ेगी। अब देखना है कि पिछले वर्ष 2019 के दिसंबर में 119 साल का रिकॉर्ड तोड़ने वाली ठंड का इस बार कितना भीषण रूप-रंग अख्तियार करने वाली है क्योंकि पिछले महीने नवंबर में ही ठंड ने 71 सालों के रिकार्ड को धराशायी कर दिया था।
मौसम विभाग (Meteorological Department) के अनुसार, दिसंबर के शुरुआती सप्ताह में उत्तर भारत में तापमान में गिरावट देखने को मिलेगा। यह गिरावट 10-11 डिग्री सेल्सियस तक होगा। हालांकि मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार जैसे राज्यों में दिन के दौरान धूप निकलने से राहत रहेगी। लेकिन रात में तापमान में गिरावट जारी रहेगी। दूसरी ओर पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता समेत पूरे देश में सर्दी बढ़ गई है। मौसम विभाग की वेबसाइट mausam.imd.gov.in पर 1 दिसंबर को जारी की गई प्रेस रिलीज की माने तो अगले दो-तीन दिनों के लिए तमिलनाडु, केरल, आंध्रप्रदेश और लक्षद्वीप के तटीय इलाकों में भारी बारिश का पूर्वानुमान बताया गया है।
दक्षिण भारत के चक्रवाती तूफानों के बाद अब और पहाड़ों पर बर्फबारी के कारण मैदानी हिस्सों पर भी असर दिखने लगा है। दिसंबर की शुरुआत में ही उत्तर भारत में तापमान में गिरावट शुरू हो गई थी। मौसम विभाग ने बुधवार को ट्वीट कर चक्रवाती तूफान ‘बुरवेई’ (Cyclonic Storm ‘Burevi’) को लेकर जानकारी दी। इसके अनुसार, खाड़ी में उठने वाले इस तूफान की श्रीलंका के त्रिनकोमाली के दक्षिण पूर्व से 240 किमी की दूरी है वहीं भारत के पामबन से अभी यह 470 किमी और कन्याकुमारी से 650 किमी दूर है।
सबसे पहले देश की राजधानी दिल्ली की सर्दी का जायजा लें तो दिल्ली-एनसीआर में लगातार न्यूनतम और अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है। आज यहां न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (Indian Meteorological Department) के अनुसार, बुधवार सुबह दिल्ली-एनसीआर में धुंध छाई रही, लेकिन दिनभर आकाश साफ रहेगा। मौसम विभाग के अनुसार, अगले दो दिनों तक अधिकतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान आठ से नौ डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है।
वहीं हिमाचल प्रदेश में इस सप्ताह के अंत तक मौसम का रुख बदल जाएगा। छह दिसंबर से यह बदलाव देखा जाएगा। यहां एक बार फिर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की संभावना है। बीते दिनों हुई बर्फबारी के कारण अब तक राज्य की अनेकों सड़कें बंद हैं। अब फिर से बर्फबारी होने पर लोगों की दिक्कतें और बढ़ सकती हैं।
जहां पूरा उत्तरी भारत ठंड की चपेट में आ चुका है तो बिहार में बुधवार की सुबह काफी ठंड रही। धूप निकलने के बावजूद सुबह कोई खास असर नहीं महसूस किया गया। ठंड बढ़ने का मुख्य कारण तेज पछुआ हवा है। मौसम विभाग की माने तो त्रिपुरा के कुछ हिस्सों में घना कुहरा छाने की संभावना बन रही है। स्पीड 65 किमी प्रति घंटे हो सकती है जिसके कारण मछुआरों को उन हिस्सों में न जाने की सलाह दी गई है।