योगी सरकार धर्म परिवर्तन को लेकर हुई सख्‍त, एटा में 14 और आजमगढ़ में 3 गिरफ्तार

योगी सरकार ने प्रदेश में धर्म परिवर्तन को लेकर जो कानून बनाया है, अब उसके तहत उत्तर प्रदेश पुलिस सख्ती से काम कर रही है। पुलिस ने एक दर्जन से अधिक लोगों को एक युवती को इस्लाम धर्म कबूल करवाने के लिए और तीन को ईसाई धर्म स्वीकार करने के लिए लोगों को समझाने की कोशिश करने के आरोप में गिरफ्तार किया है।

एटा में पुलिस ने आठ लोगों को एक 21 वर्षीय लड़की का जबरन धर्म परिवर्तन कराने और फिर उसकी शादी कराने के आरोप में गिरफ्तार किया है। जबकि आजमगढ़ में नए कानून के तहत तीन अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया है। नए धर्मातरण रोधी कानून के तहत मामला एटा के जलेसर में युवती के व्यवसायी पिता द्वारा दायर की गई शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया।

पुलिस उप अधीक्षक राम निवास सिंह ने कहा, “मंगलवार को आठ सहित चौदह लोगों को अब तक गिरफ्तार किया गया है। पुलिस की तीन टीमें युवती को खोजने और फरार आरोपियों को गिरफ्तार करने की कोशिश कर रही हैं।”

पुलिस के अनुसार, युवती 17 नवंबर से लापता है। लेकिन उसके परिवार ने पिछले गुरुवार को एक मामला दायर किया, जब उन्हें जावेद के वकील से एक पत्र मिला, जिसमें उन्होंने युवती के धर्म परिवर्तन और एक अदालत में उसकी शादी होने के बारे में बताया।

आईपीसी की धारा 366 (अपहरण, महिला को शादी के लिए मजबूर करने के लिए) और उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश, 2020 के तहत मामला दर्ज किया गया।

जावेद फरार है, जबकि उसके आठ रिश्तेदारों को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया। एटा पुलिस के बयान के अनुसार, आगरा क्रॉसिंग के पास से एक महिला सहित आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था।

एक पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि गिरफ्तारी फरार दंपति पर आत्मसमर्पण करने के लिए दबाव बनाने के लिए की गई। पुलिस का मानना है कि महिला दिल्ली में है, जबकि जावेद अभी भी उत्तर प्रदेश में है, लगातार अपना ठिकाना बदल रहा है।

एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “जावेद और उसके चार करीबी रिश्तेदार अब भी फरार हैं।” पांचों पुरुषों में से प्रत्येक पर 25,000 रुपये का इनाम भी घोषित किया गया है। जावेद कपड़े की दुकान चलाता है और युवती का पड़ोसी है।

आजमगढ़ में पुलिस ने बालचंद्र, गोपाल प्रजापति और नीरज कुमार को एक बैठक करने और लोगों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए समझाने को लेकर गिरफ्तार किया है। दीदारगंज के स्टेशन हाउस ऑफिसर संजय कुमार सिंह ने कहा कि तीनों लोग गांव आए और कथित रूप से लोगों को ईसाई धर्म में परिवर्तित करने के लिए त्रिभुवन यादव के घर पर एक बैठक आयोजित की।

उन्होंने कहा कि एक ग्रामीण अशोक यादव ने पुलिस को सूचित किया, जिसके बाद उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश, 2020 के तहत गिरफ्तारी की गई। आजमगढ़ के एक सामाजिक कार्यकर्ता राज कुमार कश्यप ने आरोप लगाया कि पुलिस धर्मांतरण विरोधी कानूनों को लेकर बिना सोचे-समझे कुछ ज्यादा ही सख्ती कर रही है।

उन्होंने कहा, “आजमगढ़ में, जिन तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, वे एक बैठक को संबोधित कर रहे थे और उन्होंने किसी को भी धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर नहीं किया था। किसी भी धर्म के बारे में प्रचार करना अपराध नहीं है अभी तक तो नहीं है।”

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