यूपी: प्रदेश में देर रात एक साथ 127 उप जिलाधिकारियों के तबादले


शासन ने रविवार देर रात एक साथ 127 उप जिलाधिकारियों (एसडीएम) के तबादले कर दिए हैं। इनमें ज्यादातर के तीन साल पूरे हो गए थे।
प्रदेश सरकार ने रविवार देर रात 127 उप जिलाधिकारियों को इधर से उधर कर दिया। इनमें से अधिकतर वे उप जिलाधिकारी शामिल हैं, जिन्हें एक स्थान पर तैनाती के तीन साल पूरे हो गए थे। यह सूची काफी समय से प्रतीक्षा में थी, जो रविवार को जारी हो गई।
सीतापुर के एसडीएम कुमार चंद्रबाबू का बदायूं ट्रांसफर कर दिया गया है। सहारनपुर की एसडीएम संगीता राघव को विशेष कार्याधिकारी, लखनऊ विकास प्राधिकरण बनाया गया है। मथुरा की उपजिलाधिकारी श्वेता को सहायक निदेशक उत्तर प्रदेश प्रशासन एवं प्रबंधन अकादमी बनाया गया है। लखनऊ मेट्रो के विशेष कार्याधिकारी अजय आनंद वर्मा को औरैया का एसडीएम बनाया गया है। एलडीए के विशेष कार्याधिकारी शशि भूषण पाठक को अमरोहा का एसडीएम बनाया गया है।
आपातकाल का सच बताने के लिए भाजपा ने तय किए कार्यक्रम
देश पर थोपे गए आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने पर भाजपा इसे लोकतंत्र के काले अध्याय के तौर पर पेश करेगी। जनता तक आपातकाल की सच्चाई बताने के लिए भाजपा की ओर से अभियान चलाया जाएगा। जिसके तहत प्रदेश से जिला स्तर तक प्रदर्शनियां लगाकर संगोष्ठियां आयोजित की जाएंगी। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह ने रविवार को भाजपा मुख्यालय में वर्चुअल बैठक कर तैयारियों की समीक्षा की।
प्रदेश भर के जिला पदाधिकारियों को आपातकाल अभियान से जुड़े कार्यक्रमों की जानकारी दी गई और बताया गया कि कौन-कौन से कार्यक्रम होने हैं। धर्मपाल सिंह ने बताया कि अभियान के दौरान आम लोगों खासकर युवाओं को आपातकाल लागू करने वाली कांग्रेस सरकार के काले कारनामों का सच बताया जाएगा। जिला स्तर पर लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान किया जाएगा और मीडिया से संवाद करके भी जानकारी दी जाएगी। इस मौके पर पौधरोपण भी किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि पार्टी के उपाध्यक्ष और विधान परिषद सदस्य विजय बहादुर पाठक को अभियान के प्रभारी बनाया गया है। वहीं, प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी संगठन की ओर से तय योजनानुसार हमे जिला स्तर पर देश में लोकतंत्र के काले अध्याय आपातकाल के 50वें वर्ष में होने वाले कार्यक्रम प्रभावी ढंग से आयोजित करने है। इन कार्यक्रमों के माध्यम से हमें कांग्रेस के संविधान विरोधी चेहरे के बारे में नई पीढ़ी को बताना है।