उत्तर प्रदेश: कफ सिरप तस्करी का बड़ा खुलासा

उत्तर प्रदेश के वाराणसी से जुड़े कफ सिरप तस्करी मामले ने अब एक अंतरराष्ट्रीय मोड़ ले लिया है। खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है कि इस मामले का मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल काली कमाई और विदेशी नेटवर्क की मदद से अंडरवर्ल्ड के कुख्यात गिरोह से संपर्क में आया और दुबई में शरण ले चुका है। बताया जा रहा है कि आरोपी ने अपने गिरोह के माध्यम से दुबई में निवेश की भी योजना बना ली थी। इस खुलासे के बाद सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया है।

कैसे सामने आया मामला
मामले की जड़ें उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र से जुड़ी हैं, जहां बड़ी मात्रा में प्रतिबंधित श्रेणी के कफ सिरप की अवैध बिक्री का नेटवर्क लंबे समय से सक्रिय था। शुरुआती जांच में यह सामने आया था कि वाराणसी और आसपास के जिलों में मेडिकल स्टोरों और होलसेल दवा विक्रेताओं के जरिए बिना प्रिस्क्रिप्शन के कफ सिरप की बड़े पैमाने पर बिक्री चल रही थी। जांच आगे बढ़ी तो खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि इस पूरे नेटवर्क का एक अहम चेहरा शुभम जायसवाल था, जो तस्करी से हुई कमाई का इस्तेमाल अपराधी नेटवर्क से जुड़ने और विदेश में ठिकाना बनाने के लिए कर रहा था।

दुबई तक पहुंचा तस्करी का पैसा
खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, शुभम जायसवाल ने कफ सिरप की अवैध बिक्री से मोटी रकम जुटाई और उसी पैसे के बल पर उसने दुबई में रहने की व्यवस्था कर ली। रिपोर्ट यह भी बताती है कि वह दुबई में अपनी काली कमाई को रियल एस्टेट और अन्य बिजनेस चैनलों में निवेश करने की योजना बना रहा था। जांच एजेंसियों को संदेह है कि आरोपी को दुबई में अंडरवर्ल्ड नेटवर्क का संरक्षण मिला, जिससे उसके वहां छिपे रहने की पुष्टि और मजबूत होती जा रही है। एजेंसियां अब इंटरपोल और विदेश मंत्रालय के माध्यम से उसे भारत लाने की प्रक्रिया पर भी विचार कर रही हैं।

दाऊद नेटवर्क से संपर्क का शक
कफ सिरप तस्करी मामले में सबसे चौंकाने वाला पक्ष यह है कि शुभम जायसवाल के अंडरवर्ल्ड के कुख्यात नेटवर्क से जुड़े होने के संकेत मिले हैं। खुफिया एजेंसियों का मानना है कि आरोपी ने दुबई स्थित एक अंडरवर्ल्ड सिंडिकेट के संपर्क में आकर वहां पनाह ली। जांच रिपोर्ट में सीधे तौर पर उसके दाऊद गिरोह के संपर्क में आने की बात कही गई है, हालांकि सुरक्षा एजेंसियां अभी इस नाम को लेकर आधिकारिक पुष्टि से बच रही हैं। उनका कहना है कि हर पहलू पर गहराई से जांच की जा रही है और किसी भी निष्कर्ष पर जांच पूरी होने के बाद ही सार्वजनिक बयान दिया जाएगा।

मिर्जापुर–जौनपुर बेल्ट में बड़ा खुलासा
इस मामले की बड़ी परत उस समय खुली जब जांच टीम ने मिर्जापुर और जौनपुर के मेडिकल होलसेल बाजारों की गहन जांच शुरू की। यहां पता चला कि कुछ थोक दवा विक्रेताओं ने अब तक बिना किसी वैध रिकॉर्ड के दो लाख से अधिक कफ सिरप की बोतलें बाजार में भेजी थीं। ये सिरप बिना डॉक्टर की पर्ची के खुलेआम बेचे जा रहे थे, जिससे न केवल कानून का उल्लंघन हो रहा था बल्कि युवाओं के स्वास्थ्य के साथ भी गंभीर खिलवाड़ किया जा रहा था।

मेडिकल नेटवर्क पर कसा शिकंजा
खुलासे के बाद औषधि विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने पूरे क्षेत्र में छापेमारी अभियान तेज कर दिया है। वाराणसी, मिर्जापुर, जौनपुर और आसपास के जिलों में दर्जनों मेडिकल स्टोर और थोक दवा प्रतिष्ठानों की जांच की जा रही है। कई दुकानों पर अनियमितताएं मिलने के बाद एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। अधिकारियों का कहना है कि इस नेटवर्क से जुड़े हर व्यक्ति को कानून के दायरे में लाया जाएगा। इस ऑपरेशन के तहत दवा की सप्लाई चेन, बिलिंग सिस्टम और स्टॉक रजिस्टर की भी गहन जांच की जा रही है।

युवाओं के लिए बन रहा था नशे का जाल
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि बड़ी मात्रा में कफ सिरप की अवैध बिक्री अक्सर नशे के तौर पर इस्तेमाल के लिए की जाती है। इससे युवाओं में लत लगने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। यह मामला अब केवल तस्करी तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि सामाजिक स्वास्थ्य के लिए भी एक गंभीर खतरा बन चुका है। इसी कारण सरकार ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए उच्च स्तरीय जांच के निर्देश दिए हैं।

एजेंसियां अलर्ट, विदेश तक निगरानी
जांच एजेंसियों ने अब आरोपी पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निगरानी शुरू कर दी है। दुबई में उसकी संभावित लोकेशन पर नजर रखी जा रही है और वहां की एजेंसियों से तालमेल बढ़ाया जा रहा है। इसके साथ ही आरोपी के बैंक खातों, संपत्तियों और लेन-देन की भी फॉरेंसिक जांच की जा रही है।

Related Articles

Back to top button