जानिए मोदी सरकार ने एक रात में कैसे किया चीन ऐप्स का सफाया…

केंद्र सरकार ने भारतीय और चीनी सैन्य कमांडरों के बीच तीसरे दौर की बातचीत से ठीक पहले टिकटॉक और वीचैट सहित चीनी मूल के ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया दिया था। इस फैसले के लिए सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने जरूरी कागजी कार्रवाई को पूरा करने के लिए रात भर काम किया।

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार, पीएम मोदी ने साफ कहा था कि बातचीत शुरू होने से पहले इन ऐप्स पर बैन की घोषणा हो जानी चाहिए। IT मंत्रालय के अधिकारियों ने  कानूनी अधिकारियों के साथ समय रहते पेपरवर्क पूरा कर लिया था। इसके लिए तैयारी के दौरान IT मंत्री रविशंकर प्रसाद के ऑफिस में पर्दे खींच दिए गए थे ताकि किसी को पता न चले कि भीतर हो क्‍या रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा था कि गलवान में हुई झड़प के बाद चीन को  एक कड़ा संदेश जरूर जाना चाहिए।

भारत सरकार ने ऐप्स बैन कर सीधे-सीधे चीन को राजनीतिक, आर्थिक और कूटनीतिक स्‍तर पर काउंटर करने की योजना बनाई। उधर, चीन को भारत से ऐसे किसी फैसली की उम्मीद नहीं थी। एलएससी पर शांति रही फिर भी बार-बार दोनों देशों के सैनिक आमने सामने आते रहे।

गौरतलब है, कि भारत सरकार ने टिकटॉक समेत 59 चाइनीज ऐप्स पर अब परमानेंट बैन लगाने का फैसला किया है। इस संबंध में इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने इन ऐप्स को नोटिस जारी कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक अधिकारी ने कहा, ‘सरकार इन कंपनियों द्वारा दी गई प्रतिक्रिया / स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं है। इसलिए इन 59 ऐप्स पर अब स्थायी प्रतिबंध है।’

बता दें कि चीन के साथ मुठभेड़ के बाद भारत सरकार ने पिछले साल जून में इन चाइनीज ऐप्स पर बैन लगाया था। भारत ने कहा था कि इन एप्स से देश की संप्रभुता, अखंडता और सुरक्षा को खतरा है। जिन एप्स को बैन किया गया था उनमें बाइटडांस कंपनी का पॉप्युलर वीडियो मेकिंग एप TikTok, अलीबाबा का UC Browser और टेंसेंट का WeChat जैसे एप्स शामिल थें।

पिछले 6 महीने में बैन हुए 208 और एप्स

बता दें कि पिछले छह महीनों में भारत सरकार 208 अन्य चाइनीज ऐप्स पर बैन लगा चुकी है। सरकार ने 2 सितंबर को 118 चीनी एप्स पर बैन लगाया और इसके बाद नवंबर में 43 एप्स को ब्लॉक किया था। वहीं, टिकटॉक के प्रवक्ता का कहना है कि हम नोटिस का आंकलन करने के बाद इसका जवाब देंगे। भारत सरकार की ओर से 29 जून 2020 को जारी निर्देशों का पालन करने में टिकटॉक पहली कंपनियों में से एक थी।

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