मौसम विभाग की चेतावनी: इन राज्यों में आज हो सकती हैं बारिश…

 मौसम एक बार फिर करवट ले रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ एक बार फिर भारत के मौसम पर असर डालेगा। यही नहीं देश के कई राज्यों में पश्चिमी विक्षोभ का असर दिखाई दे रहा है। भारत के उत्‍तरी हिस्‍से में बार बार बन रहे पश्चिमी विक्षोभ के कारण देश के अन्‍य हिस्‍सों के मौसम में इसका प्रभाव देखने को मिल रहा है। उत्तर भारत से लेकर दक्षिण और मध्य भारत के कई हिस्सों में सोमवार को बारिश का पूर्वानुमान है। इसके चलते उत्‍तराखंड में बारिश और बर्फबारी हो सकती है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी के साथ बारिश को लेकर प्रशासन भी सतर्क है। वहीं हिमाचल प्रदेश से लेकर जम्मू-कश्मीर तक बर्फबारी और हल्की से मध्य बारिश की चेतावनी जारी की गई है। वहीं हिमालयी क्षेत्रों में रुक रुककर बर्फबारी हो रही है।

इन इलाकों में बारिश के आसार

मौसम विभाग के मुताबिक उत्तराखंड, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर के अलावा 15 फरवरी के बाद मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, झारखंड, महाराष्ट्र, तेंलगाना और तमिलनाडु में बेमौसम बारिश होने की संभावना है। इन सभी राज्यों में 16 से 20 फरवरी के बीच गरज के साथ बारिश होने के आसार हैं। इसके साथ ही 17 और 18 फरवरी को विदर्भ और छत्‍तीसगढ़ में ओलावृष्टि भी हो सकती है।

आईएमडी के पूर्वानुमान के मुताबिक पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्‍ली के अधिकांश हिस्‍सों में 15 और 16 फरवरी को घने से लेकर अत्‍यधिक घना कोहरा छाया रह सकता है। ऐसा सुबह के समय देखने को मिल सकता है। इसके अलावा उत्‍तर प्रदेश और उत्‍तराखंड में भी 15 और 16 फरवरी को सुबह के समय अधिकांश हिस्‍सों में घना कोहरा छाए रहने की आशंका है। आईएमडी का कहना है कि 16 फरवरी के बाद से कोहरे में कमी देखने को मिल सकती है।

पश्चिमी उप्र में छाया रहा घना कोहरा

यूपी में मौसम शुष्‍क रहा लेकिन पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश के अलग-अलग स्‍थानों पर घने कोहरे का प्रभाव देखा गया। सोमवार को मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राज्य की राजधानी लखनऊ का न्यूनतम तापमान 10.6 डिग्री सेल्सियस जबकि प्रयागराज का न्यूनतम तापमान 11.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। राज्य में सबसे कम न्यूनतम तापमान मुजफ़्फरनगर में 7.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। मंगलवार को पश्चिमी यूपी में अलग-अलग स्थानों पर सुबह के समय घना कोहरा छाए रहने की संभावना है। 16 फरवरी और 17 फरवरी को राज्य के अलग-अलग स्थानों पर सुबह के समय मौसम शुष्क रहने और कोहरे की संभावना है।

उत्तराखंड के मैदानी इलाकों में कोहरा ने रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया। कुछ हिस्सों में हल्की धूप खिली खिली थी, लेकिन शाम को फिर से बादल छा गए। वहीं, दोपहर बाद अचानक मौसम बदल गया और पहाड़ी इलाकों में बारिश शुरू हो गई। उत्तरकाशी और चमोली जिले में हल्की बारिश भी हुई। इसके साथ ही बदरीनाथ, गोरसों, हेमकुंड समेत ऊंची पहाड़ियों पर बर्फबारी भी हुई। मौसम विभाग ने अगले तीन दिन तक हल्की बारिश और बर्फबारी का अनुमान जाताया है।

पश्चिमी विक्षोभ के कारण मौसम विभाग ने महाराष्‍ट्र में भी बारिश होने की आशंका जताई है। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि 16 फरवरी से 18 फरवरी तक महाराष्‍ट्र के अधिकांश हिस्‍सों में बारिश हो सकती है। ऐसे में 15 जिलों में एहतियात के तौर पर येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग के मुताबिक 16 फरवरी से विदर्भ, मराठवाड़ा और मध्‍य महाराष्‍ट्र के हिस्‍सों में बारिश हो सकती है। इसके साथ ही किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपनी अनाज को बारिश से बचाने के लिए खुले आसमान से हटा दें। राज्‍य के अधिकांश हिस्‍सों में तूफान के साथ आकाशीय बिजली का भी खतरा है। मौसम विभाग की मानें तो महाराष्‍ट्र के हिंगोली, नांदेड़, कोल्‍हापुर, सांगली, सतारा, परभणी, अकोला, अमरावती, बुलढाणा, भंडारा, चंद्रपुर, गढ़चिरोली, नागपुर, वाशिम, वर्धा, यवतमाल में हल्‍की से तेज बारिश होने की संभावना है।

कश्मीर में कुछ स्थानों पर पारा चढ़ने के बावजूद घाटी में सोमवार को न्यूनतम तापमान जमाव बिंदु के नीचे रहा। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में रविवार को न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे 0.3 डिग्री सेल्सियस रहा जो उसकी पिछली रात के तापमान शून्य से नीचे 0.4 से थोड़ा ऊपर है। उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा में पारा शून्य के नीचे 2.3 डिग्री तक लुढका जबकि दक्षिण के कोकरनाग में न्यूनतम तापमान शून्य के नीचे 0.4 डिग्री तक नीचे चला गया। मौसम विज्ञान विभाग के कार्यालय ने कहा कि जम्मू कश्मीर के मैदानी भागों में अगले सप्ताह मौसम मुख्य रूप से शुष्क रहने की संभावना है।

पश्चिमी विक्षोभ भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी इलाकों में सर्दियों के मौसम में आने वाले ऐसे तूफान को कहते हैं जो वायुमंडल की ऊंची तहों में भूमध्य सागर, अटलांटिक महासागर और कुछ हद तक कैस्पियन सागर से नमी लाकर उसे अचानक बारिश और बर्फ के रूप में उत्तर भारत, पाकिस्तान व नेपाल पर गिरा देता है। यह एक गैर-मानसूनी वर्षा का रूप है जो पछुवा हवा द्वारा संचालित होता है। पश्चिमी विक्षोभ भूमध्य सागर में अतिरिक्त उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के रूप में उत्पन्न होता है।

 

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