कोविड-19 की वैक्सीन को लेकर विवाद में फसे कर्नाटक के कृषि मंत्री, जानिए क्या है पूरा मामला
देशभर में वैक्सीन प्रोग्राम का द्वितीय चरण शुरू किया जा चुका है. इसी के साथ एक नया मामला भी सामने आया, जब कर्नाटक के कृषि मंत्री बीसी पाटिल (BC Patil) को टीका लगाने के लिए डॉक्टर उनके निवास पर आ गए. मंगलवार को टीकाकरण के फोटोज सोशल मीडिया पर सामने आने के उपरांत नया विवाद बनने लगा है. डॉक्टर्स ने बेंगलुरु से 336 किमी दूर हीरेकरुर जाकर मंत्री को वैक्सीन लगाई. खबर है कि उनकी पत्नी ने भी घर पर ही टीका लगवा लिया है.
सोशल मीडिया और टीवी न्यूज चैनल्स पर केस की तस्वीरें सामने आने के उपरांत लोगों का गुस्सा और भी ज्यादा बढ़ने लगा. मीडिया में भी मंत्री के ताकत के दुरुपयोग के तौर पर बताया गया है. एक कन्नड़ न्यूज चैनल से वार्तालापमें मंत्री ने बोला ‘घर में कई लोग मौजूद थे और मुझे हॉस्पिटल में तकरीबन आधे घंटे इंतजार करना पड़ता. यही कारण रहा कि मैंने घर पर ही लगवाया.’
जिसके अतिरिक्त उन्होंने कहा कि कुछ विशेषाधिकार थे और घर पर वैक्सीन लिए जाने के फैसले को गलत नहीं समझा बहुत ही जरुरी है. पाटिल ने बोला कि उन्होंने खुद ही स्वास्थ्य अधिकारियों को निवास पर टीका लगाने के लिए आमंत्रित किया था. खास बात है कि सोमवार को ही देश के पीएम नरेंद्र मोदी और दूसरे बड़े राजनेताओं ने अस्पताल पहुंचकर कोरोना वायरस का टीका लगवाया था.
राज्य में विरोध का नया हथियार: जंहा इस बात का पता चला है कि कर्नाटक में पहले ही BS येडियुरप्पा के नेतृत्व वाली सरकार परेशानियों में उलझी पड़ी हुई है. ऐसे में इस वैक्सीन केस ने राज्य में विपक्षी दलों को गवर्नमेंट पर हमला करने के लिए नया हथियार दिया जा चुका है. राज्य के पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी ने बोला ‘इस सरकार में कोई भी कुछ भी कर सकता है.’ उन्होंने मंत्री पाटिल पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि लोगों की सेवा करने के बजाए पाटिल लोगों को अपनी सेवा में लगा रहे हैं.
सरकार लेगी फैसला: वहीं यह भी कहा जा रहा है कि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर के सुधाकर ने बोला कि लोगों के घर पर वैक्सीन लेने का कोई भी प्रावधान नहीं है. पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय जिसके संबंध में जल्द ही सर्कुलर जारी करेगा. जिसके उपरांत अधिकारियों को टीकाकरण करने के लिए किसी के भी घर पर जाने की मनाही होगी.