उत्तराखंड: जन अपेक्षाओं से जुड़े दस अहम फैसलों पर लगी मुहर
त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने 18 मार्च, 2017 को प्रचंड बहुमत के साथ कार्यभार संभाला तो सरकार और सत्तारूढ़ दल पर जन अपेक्षाओं का भार होना लाजिमी था। सरकार ने अपने चार साल के कार्यक्रम में महिलाओं को राहत देने समेत स्वरोजगार को लेकर बड़े फैसले लिए हैं। फैसलों के क्रियान्वयन के लिए कई कदम भी उठाए गए। सरकार के 10 फैसलों ने आस भी जगाई है।
1-पैतृक संपत्ति में महिला सहखातेदार: बड़ा कदम
सरकार ने प्रदेश में आधी आबादी महिलाओं को पैतृक संपत्ति में सह खातेदार बना दिया। इसके लिए विधानसभा में उत्तराखंड (उत्तरप्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950)(संशोधन) विधेयक को पारित किया गया है। संशोधित एक्ट लागू होने के बाद महिलाएं स्वावलंबन, स्वरोजगार और आजीविका के लिए भूमि या संपत्ति पर बैंकों से ऋण ले सकेंगी। उन्हें संपत्ति बेचने का भी अधिकार होगा।
2-मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना:
सरकार ने इस योजना के माध्यम से 3.41 लाख महिलाओं को बड़ी राहत दी है। उन्हें अब घरों पर ही पशुओं के लिए चारा उपलब्ध कराया जाएगा। उन्हें पशु चारे के लिए न तो मीलों पैदल चलना होगा और न ही चारे का बोझ ढोना पड़ेगा। यह योजना किसानों के लिए भी फायदेमंद है। अब असिंचित क्षेत्रों में भी पशु चारे के उत्पादन को ध्यान में रखकर खेती को प्रोत्साहित किया जा सकेगा। 670 बहुद्देश्यीय सहकारी समितियों, 4000 से अधिक राशन की दुकानों, सहकारी संस्थाओं, पशुपालन विभाग के चारा बैंक व अन्य स्थापित सरकारी विपणन केंद्रों के माध्यम से इसे अंजाम दिया जाएगा।
3-सीएम स्वरोजगार योजना: प्रवासियों को सस्ता ऋण
प्रदेश में महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू की गई है। इसके तहत स्वरोजगार के लिए ऋण सस्ती ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जाएगा। कोरोना काल में प्रदेश में आने वाले प्रवासी उत्तराखंडियों को स्वरोजगार के लिए उक्त योजना प्रारंभ की गई। इस योजना के अंतर्गत विनिर्माण में 25 लाख रुपये और सेवा क्षेत्र में 10 लाख रुपये तक की परियोजनाओं पर ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। एमएसएमई नीति के अनुसार इसमें सब्सिडी की व्यवस्था की गई है।
4-अटल उत्कृष्ट विद्यालय: नई पहल
प्रदेश में सरकारी माध्यमिक विद्यालयों की दशा सुधारने और उन्हें पब्लिक स्कूलों की टक्कर का बनाने के लिए हर ब्लाक में दो-दो अटल उत्कृष्ट विद्यालय खोले जाएंगे। इन्हें पहले से मौजूद राजकीय इंटर कालेज भवनों में संचालित किया जाएगा। ये 190 विद्यालयों में उच्च गुणवत्ता की शिक्षा मिलेगी। इन विद्यालयों को सीबीएसई की मान्यता दिलाई जा रही है। इस योजना को माध्यमिक शिक्षा के लिए बड़े गेमचेंजर के रूप में देखा जा रहा है।
5-वन नेशन वन कार्ड: देश के साथ कदमताल
प्रदेश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत सभी राशनकार्डधारक अब प्रदेश या देश के किसी भी हिस्से में सरकारी सस्ता खाद्यान्न ले सकते हैं। उत्तराखंड इस योजना पर अमल करने वाले गिने-चुने राज्यों में शामिल हो चुका है। इस योजना में प्रत्येक राशनकार्ड और उसमें शामिल प्रत्येक यूनिट की आधार सीडिंग की गई है। इस योजना के अगले चरण में राशन की सभी 9225 दुकानों का आटोमेशन किया जा रहा है। शेष रह गईं 1809 दुकानों का आटोमेशन अगले माह तक पूरा होगा।
6-ट्रांसफर एक्ट: तबादला उद्योग बंद
त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने सत्ता संभालने के पहले साल के भीतर ही ट्रांसफर एक्ट लागू कर दिया। इस एक्ट में सरकारी नौकरी में पहली नियुक्ति और पदोन्नति पर दुर्गम स्थानों पर अनिवार्य तैनाती की व्यवस्था को बाध्यकारी बनाया गया है। एक्ट लागू होने के बाद प्रदेश में स्थानांतरण उद्योग पर रोक लगाने में काफी हद तक कामयाबी मिली। तबादलों को लेकर सरकार ने अपना सख्त रुख जारी रखा। अनिवार्य तबादलों की वजह से दुर्गम में तैनात कार्मिकों के सुगम क्षेत्रों में आने का रास्ता साफ हुआ।
7-इन्वेस्टर्स समिट: 10 हजार रोजगार की राह
प्रदेश को औद्योगिक क्षेत्र में केंद्र से मिली रियायतें खत्म होने के बाद नए उद्योगों के आने का रास्ता तकरीबन बंद ही रहा है। त्रिवेंद्र सरकार ने दो दिन इन्वेस्टर्स समिट कर नए उद्यमों को आने की राह खोली। पहली बार बड़ी संख्या में उद्योगों ने उत्तराखंड में आने में रुचि दिखाई। एक दर्जन से ज्यादा उद्यमों के सैकड़ों करोड़ों के पूंजी निवेश के प्रस्तावों को अंतिम रूप दिया जा चुका है, जबकि कई प्रस्तावों पर कार्यवाही चल रही है। इसमें 10 हजार से ज्यादा व्यक्तियों को रोजगार मिलने का अनुमान है।
8-स्कूलों में 500 स्मार्ट क्लासेज
प्रदेश में वर्ष 2005 से लंबित सूचना संचार प्रौद्योगिकी योजना को अमलीजामा पहनाने में त्रिवेंद्र सरकार कामयाब रही है। इस योजना के तहत 500 राजकीय इंटर कालेजों में स्मार्ट क्लासेज प्रारंभ की गई हैं। केंद्रीयकृत वर्चुअल स्टूडियो राजीव गांधी नवोदय विद्यालय देहरादून में की गई है। कोरोना काल में इस वर्चुअल स्टूडियो ने सरकारी स्कूलों के बच्चों की आनलाइन के साथ ही दूरदर्शन के माध्यम से पढ़ाई में बड़ी भूमिका निभाई। अब 600 और स्कूलों में स्मार्ट क्लासेज प्रारंभ की जाएगी।
9-नए नगर निकायों का तेजी से गठन
प्रदेश में तेजी से विकसित हो रहे अर्द्धशहरी क्षेत्रों को शहरी क्षेत्रों में शामिल करने में बड़ी तेजी से काम हुआ है। चार साल के कार्यकाल में नए दो नगर निगमों के गठन के साथ ही तकरीबन सात नगर निकाय बनाए गए हैं। एक दर्जन से ज्यादा शहरी निकाय क्षेत्रों में ग्रामीण क्षेत्रों को शामिल किया गया। शहरी क्षेत्रों का विस्तार होने से उनमें पेयजल, स्वच्छता, विद्युतीकरण, सड़कों, सीवरेज समेत शहरी सुविधाओं का विस्तार का रास्ता साफ हुआ।
10-भष्टाचार पर जीरो टालरेंस
प्रदेश सरकार ने भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस पर खासा जोर दिया। पहली बार स्पेशल आडिट रिपोर्ट में पकड़ में आई वित्तीय अनियमितताओं पर सरकार ने कार्रवाई की। वहीं एनएच-74 मुआवजा घोटाला, समाज कल्याण छात्रवृत्ति घोटाला, सिडकुल घोटाला, लोक निर्माण विभाग में सड़क निर्माण कार्यों में गड़बड़ी मामले में अभियंताओं पर कार्रवाई, इसीतरह ऊर्जा निगम में भी निजी कंपनी से बिजली बिल के बकाये की वसूली में लापरवाही पर कई अधिकारियों पर गाज गिराई गई।