श्मशान घाटों और कब्रिस्तानों में बढ़ रही शोकाकुल परिवारों की भीड़ को देखते हुए नगर निगम ने भी चालू कराया सैनिटाइजेटन
श्मशान घाटों और कब्रिस्तानों में बढ़ रही शोकाकुल परिवारों की भीड़ को देखते हुए नगर निगम ने वहां भी सैनिटाइजेटन चालू कराया है। इन जगहों का संचालन करने वालों को सैनिटाइजर उपकरण के साथ ही पीपीई किट भी उपलब्ध कराई गई है।
बुधवार को नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने शहर के प्रमुख श्मशानघाटों, कब्रिस्तानों के साथ ही इसाई सिमटरी स्थलों का निरीक्षण किया।
नगर आयुक्त ने इन जगहों पर सभी इंतजाम कराए जाने के निर्देश दिए। यहां पर चार सौ पीपीई किट के साथ ही तीस हैंडहेल्ड स्प्रे मशीन, सैनिटाइजर और दो सौ लीटर सोडियम हाइपोक्लोराइट भी समितियों को दिया गया। इसी के साथ ही कल बाइस अप्रैल सभी श्मशान घाटों को सैनिटाइज करने का विशेष अभियान चलाया जाएगा।
सुदर्शनपुरी में चला अभियान: ऐशबाग सुदर्शनपुरी निवासी सफाई कर्मचारी ललित के घर गए, जिसका निधन कोरोना संक्रमण से हो गया था। यहां पर अधिकांश वही लोग निवास करते हैं जो सफाई कार्य से जुड़े हैं। नगर आयुक्त ने सुदर्शनपुरी में संक्रमितो की बढ़ती संख्या को देखते हुए चार ट्रैक्टर माउंटेड मशीन व दस हैंडहेल्ड मशीनों से पूरी कॉलोनी को सैनिटाइजेशन कराया गया।
बिना ऑक्सीजन के कैसे चलें अस्पताल: पीजीआइ क्षेत्र के निजी अस्पतालों में भी ऑक्सीजन की किल्लत के चलते मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है। रायबरेली रोड स्थित राजस्थानी हॉस्पिटल में पिछले चार-पांच दिनों से ऑक्सीजन की सप्लाई नाम मात्र की हो रही है। यहां के संचालक ने बताया कि 20 से 25 सिलेंडर की खपत रोजाना होती थी अब तो एक दो नहीं मिल रहे। इसीलिए मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है। वृंदावन कॉलोनी सेक्टर 9 स्थित स्कोप हॉस्पिटल के संचालक अनुराग मिश्रा ने बताया कि ऑक्सीजन की किल्लत है जिसके चलते काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कल्ली पश्चिम स्थित विद्या हॉस्पिटल के संचालक विवेक अग्निहोत्री ने बताया कि यहां पर 50 से अधिक कोविड़ के मरीज भर्ती हैं। कई बार विभाग को कहा भी गया, पर ऑक्सीजन पूरी मात्रा में भेजी नहीं जा रही ।वृंदावन कॉलोनी सेक्टर तीन स्थित पल्स हॉस्पिटल के संचालक वीरेंद्र यादव ने बताया कि कोविड हॉस्पिटल होने के बावजूद भी यहां पर ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं आ रही। जिसके चलते मरीजों को भर्ती करने में असमर्थ हो रहा हूं। इसी तरह अन्य अस्पतालों ने भी अब आक्सीजन की किल्लत से मरीजों को भर्ती करने से हाथ खड़े कर दिए हैं।