भारत में कोरोना की दूसरी लहर की रफ्तार से परेशान विदेशी सरकारों ने तेजी से मदद भेजना किया शुरू

भारत में कोरोना की दूसरी लहर की रफ्तार से परेशान विदेशी सरकारों ने तेजी से मदद भेजना शुरू कर दिया है। रविवार को अमेरिका की तरफ से वैक्सीन के कच्चे माल की आपूर्ति का एलान करने के 24 घंटे के भीतर ही वहां से आक्सीजन प्लांट और दूसरे उपकरणों की पहली खेप भारत पहुंच गई। ब्रिटेन, सिंगापुर, दुबई समेत कुछ दूसरे देशों से भी मदद पहुंचनी शुरू हो गई है।

विदेशी मित्रों के संपर्क में भारत 

भारत सरकार लगातार दूसरे देशों के संपर्क में है। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान के पीएम योशिहिदे सुगा के साथ बात की जिसमें कोरोना महामारी में मदद पर खास तौर बात हुई। सुगा ने बातचीत में भारत को तत्काल मदद भेजने का एलान भी किया। ब्रिटेन व भारत के विदेश मंत्रियों के बीच इस बारे में बात भी हुई है। ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने मंगलवार को अपनी कैबिनेट की बैठक बुलाई है जिसमें भारत को मदद के प्रस्ताव पर मंजूरी मिलने के आसार हैं।

वैक्‍सीन के लिए कच्‍चे माल की आपूर्ति करेगा अमेरिका 

भारत को मदद में सबसे ज्यादा तत्परता रणनीतिक साझेदार देश अमेरिका ने दिखाई है। रविवार को दोनों देशों के एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों) के बीच बातचीत में वैक्सीन के लिए जरूरी कच्चे माल की आपूर्ति समेत दूसरे मुद्दों पर सहमति बनी थी। इस फैसले के बाद राष्ट्रपति जो बाइडन, उपराष्ट्रपति कमला हैरिस, रक्षा सचिव लॉयड आस्टिन, विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन समेत दूसरे कई आला अधिकारियों ने न सिर्फ भारत के हालात को लेकर संवेदना जताई बल्कि जल्द से जल्द मदद भेजने का आश्वासन दिया।

अमेरिका भी मदद को तैयार 

राष्ट्रपति बाइडन ने कहा कि जिस तरह भारत ने संकट में हमारी मदद की है वैसे ही हम भी संकट की इस घड़ी में मदद करने को तैयार हैं। रक्षा सचिव आस्टिन ने बताया है कि उन्होंने अपने मंत्रालय को आदेश दिया है कि भारत को जल्द से जल्द मदद पहुंचाने के लिए जो भी संभव हो वे कदम उठाए जाएं। रविवार को ही न्यूयार्क से छोटे आक्सीजन कंसंट्रेटर्स (कुल संख्या 318) की पहली खेप एयर इंडिया के विमान से नई दिल्ली के लिए रवाना भी कर दी गई।

उपकरणों से मदद करेगा जापान

पीएम मोदी के साथ टेलीफोन पर बातचीत के बाद जापान की तरफ से बताया गया कि वह भारत को संवेदनशील तकनीक और अन्य साजोसामान की आपूर्ति करेगा। देश के अस्पतालों में आक्सीजन की कमी को देखते हुए फिलहाल दुनिया भर से आक्सीजन कंसंट्रेटर्स लाने की व्यवस्था की जा रही है। अभी तक इस तरह की दो हजार से ज्यादा मशीनें देश में लाने की व्यवस्था हो चुकी है।

मदद के लिए ब्रिटेन ने दिया भरोसा 

सोमवार को ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब के साथ बातचीत में विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बीच ऑक्सीजन आपूर्ति में मदद को लेकर बात हुई है। वैसे रविवार को ही ब्रिटेन के पीएम बोरिस जानसन ने भारत को मदद भेजने का एलान किया है। चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि भारत की विमानन कंपनी स्पाइसजेट के विमान से 800 आक्सीजन कंसंट्रेटर्स भेज दिए गए हैं। आगे की मदद के लिए भारतीय अधिकारियों से बात की जा रही है।

ब्रिटेन ने भेजी मदद 

ब्रिटेन से 495 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स के अलावा कोरोना से पीडि़त गंभीर मरीजों की मदद के लिए दूसरे चिकित्सा उपकरण इसी हफ्ते पहुंच रहे हैं। सिंगापुर से भी ये मशीनें आ रही हैं। सिंगापुर और यूएई से ऑक्सीजन की ढुलाई करने वाले बड़े टैंकरों का बेड़ा भी सोमवार को भारत पहुंच गया है।

इन्‍होंने भारत से पूछी जरूरत 

कनाडा ने कहा है कि उसने भारत से उन उपकरणों की सूची मांगी है जिसकी उसे जरूरत है। ऑस्ट्रेलिया में मंगलवार को पीएम मारीसन की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में भारत को मदद के प्रस्ताव पर फैसला होगा। सूत्रों का कहना है कि इस सप्ताहांत तक कई यूरोपीय देशों से भी मदद पहुंचने लगेगी।

Related Articles

Back to top button