मल्लिकार्जुन खड़गे ने विपक्ष को प्रासंगिक मुद्दों को उठाने की इजाजत नहीं देने के लिए सरकार को ठराया दोषी

नई दिल्ली: राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने विपक्ष को “प्रासंगिक मुद्दों” को उठाने या सदन में किसी भी चर्चा की इजाजत नहीं देने के लिए सरकार को दोषी करार दिया है. उन्होंने शुक्रवार को कहा कि सिर्फ हम तभी जीवित रह सकते हैं, जब हम उन मुद्दों को उठाएं जो जनता के लिए आवश्यक हैं. एक कार्यक्रम में बोलते हुए कांग्रेस नेता खड़गे ने कहा कि सरकार जनता को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर विपक्ष को अपनी बात कहने नहीं दे रही है. 

उन्होंने कहा कि चाहे Pegasus हो, किसान आंदोलन हो, कोरोना प्रबंधन हो या फिर बढ़ती कीमतें. यदि हम जीवित हैं, तभी हम अन्य बातों पर बातचीत कर सकते हैं. यदि हमारे पास आवाज है तो हम दूसरों के लिए बोल सकते हैं. अगर हमारे पास आवाज नहीं होगी तो न किसानों का मसला होगा, न महंगाई का और न कोरोना का. उन्होंने कहा कि बोलने वाले के पास ताकत होनी चाहिए. यह महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह मेरा मौलिक अधिकार है, यह मेरी निजता है, यह मेरी सुरक्षा है. कथित पेगासस निगरानी मामले और स्पाइवेयर निर्माता NSO पर खड़गे ने कहा N का मतलब नरेंद्र, S का मतलब शाह, O का मतलब समग्र निगरानी है.

बता दें कि खड़गे, पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का उल्लेख कर रहे थे. उन्होंने कहा कि वह NSO इजरायल की कंपनी है, यह यहां की कंपनी है. उन्होंने कहा कि मानसून सत्र के लिए विपक्ष का एजेंडा प्रासंगिक मुद्दों को उठाना है. उन्होंने कहा कि केवल कांग्रेस ही नहीं, बल्कि 15 विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने मिलकर फैसला किया कि पहला मुद्दा हमारी आजादी को बचाने, मौलिक अधिकारों को बचाने, अभिव्यक्ति की आज़ादी को बचाने के लिए उठाया जाना चाहिए.

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