अयोध्या के विकास के लिए महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट ने सरकार को दी 140 एकड़ जमीन
भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या का चौतरफा विकास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सबसे बड़ी प्राथमिकता है. वह चाहते हैं कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम की अयोध्या की दुनियाभर में एक अलग पहचान हो. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सपनों की नयी अयोध्या के लक्ष्य को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट ने भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है. महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट ने अयोध्या में 140 एकड़ भूमि उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद को अयोध्या के विकास हेतु सौंपी है.
विकास परिषद द्वारा अयोध्या नगर में विकसित की जा रही भूमि विकास, गृहस्थान एवं बाजार योजना (ग्रीन फील्ड टाउनशिप) के अंतर्गत महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट की लगभग 140.42 एकड़ भूमि को लैंड पूलिंग नीति के अनुसार विकसित किए जाने का निर्णय लिया गया है। इस बारे में आवास एवं विकास परिषद और महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट के बीच शनिवार को एक एमओयू साइन किया गया.
महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी अजय प्रकाश श्रीवास्तव और परिषद की ओर से ओम प्रकाश पाण्डेय, अधिशासी अभियंता, नि0ख0-अयोध्या-01 ने एमओयू पर हस्ताक्षर किये. इस मौके पर महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट के ट्रस्टी राहुल भारद्वाज और पंकज शर्मा तथा परिषद के आवास आयुक्त अजय चौहान, अपर आवास आयुक्त एवं सचिव डॉ. नीरज शुक्ला, मुख्य अभियंता श्यामा चरण राय एवं परिषद के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.
इस मौके पर महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी अजय प्रकाश श्रीवास्तव ने कहा कि ट्रस्ट के संस्थापक महर्षि महेश योगी का सपना मर्यादा पुऱुषोत्तम भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में रामायण विश्वविद्यालय की स्थापना करने का था. इसके लिए उन्होंने 35 वर्ष पहले से ही अयोध्या में जमीन खरीदने का सिलसिला शुरू कर दिया था. वर्तमान में इस क्षेत्र में ट्रस्ट द्वारा वेद विज्ञान विद्यापीठ की स्थापना की जा चुकी है. यहां आदि गुरु शंकराचार्य की प्रेरणा से अथर्ववेद के पठन पाठन का कार्य संचालित किया जा रहा है।
समारोह के अंत में आवास आयुक्त, अजय चौहान ने वैदिक सिद्धांतों पर आधारित ग्रीन फील्ड टाउनशिप के विकास हेतु ट्रस्ट की भूमि को उत्तर प्रदेश सरकार की लैण्ड पूल नीति के आधार पर दिये जाने पर महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट का आभार व्यक्त किया।