हरियाणा सरकार ने उठाया ये बड़ा कदम, राज्य सरकार की चार नई स्कीमों को अंत्योदय योजना में शामिल करने की घोषणा की….
हरियाणा सरकार ने अंत्योदय योजना को लेकर बड़ा कदम उठाया है। राज्य सरकार ने अंत्योदय योजना में चार स्कीमों को जाेड़ने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अंत्योदय योजना में चार नई स्कीमों को जोड़ने का ऐलान किया। अब इसमें आयुष्मान भारत स्कीम, वृद्धावस्था सम्मान भत्ता, पीपीपी के जरिए अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र वितरण शामिल किए जाएंंगे। सिरसा और कुरुक्षेत्र जिले के लाभार्थियों के लिए राशन वितरण भी शामिल किया गया है।
मनोहर लाल ने यहां मीडिया से बातचीत में कहा कि मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के तहत लोन का वितरण भी शामिल होगा। इस अवसर पर उन्होंने कश्मीरी पंडितों के लिए मिशन वचनपूर्ति भी लांच किया। कश्मीरी पंडितों के 209 परिवारों को इस स्कीम के जरिए प्लाट दिए गए।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि आजाद भारत में यह व्यवस्था परिवर्तन का दिन है। सात साल पहले जो मुहिम शुरू की गई थी आज उसके परिणाम सामने आए हैा। उन्होंंने कहा कि अधिकार मांगने की प्रथा जो अंग्रेजी शासन में थी वो आज भी रही, हम आजाद हैं तो अधिकार मांगे क्यों। लाभार्थियों को आखिरकार उनके घर पर मिले हैं।
उन्होंने कहा कि बहुत सी योजना परिवारों से जुड़ी। पीपीपी के जरिए हम आखिरी परिवार तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं। अब प्यासा कुएं के पास नहीं, कुआं प्यासे के पास जाएगा। विश्व स्वास्थ्य दिवस पर जिन तीन लाख परिवारों को आयुष्मान भारत का लाभ नहीं मिला था, आज उनको ये लाभ मिलेगा। अभी तक करीब 10 लाख लोगों को ये लाभ मिलता था।
सीएम मनोहर लाल बोले, 51900 परिवारों ने अंत्योदय मेले में विभिन्न स्कीमों को अपनाने की बात कही है। 50633 परिवारों ने ऋण के लिए अप्लाई किया, जिनमें से 11657 परिवारों को लोन दिया गया। 2014 में 13 लाख 44 हजार लोगों को सामाजिक पेंशन मिलती थी , आज 17 लाख से ज्यादा लोगों को पेंशन मिलती है
उन्होंने कहा कि सालाना एक लाख 80 हजार रुपये से कम की आय वाले लोगों के राशन कार्ड बनने चाहिए। आज 33000 पीले कार्ड घर तक वितरित किए जा रहे हैं। परिवार कश्मीरी पंडितों को प्रति परिवार पांच हजार रुपये प्रति माह पांच साल तक सहायता देने का फैसला किया गया था। वह चल रहा है। 1991-93 के बीच कश्मीरी पंडितों ने कुछ जमीन खरीदी थी, तबसे 2014 तक इसका कोई हल नहीं निकला। अब उनमें कुल 209 परिवारों को आज प्लाट का मालिकाना हक दिया गया है।