नगर निगम अफसरों ने कहा-मई में शुरू कर देगे पानी की आपूर्ति, 50 हजार आबादी को मिलेगी राहत
राजधानी रायपुर में पांच नई पानी टंकिया तैयार हो चुकी है लेकिन इन टंकियों से अब तक पानी की आपूर्ति शुरू नहीं होने से गर्मी में पेयजल संकट गहराने लगा है। शहर में अभी 38 पानी टंकियों से पानी की आपूर्ति की जा रही है जबकि बोरियाखुर्द, जोरा,भनपुरी,देवेंद्रनगर,श्यामनगर में नई तैयार टंकियों के टेस्टिंग का काम चल रहा है। पांच अतिरिक्त टंकियों के भरने से करीब 50 हजार घरों तक पानी पहुंचाने के लिए पाइप लाइन बिछाई गई है।
दो दर्जन वार्डों में पेयजल का संकट
अप्रैल महीने के शुरूआत से ही शहर के दो दर्जन से अधिक वार्डों में पेयजल संकट से लोग जूझ रहे हैं। दस दिन पहले ही महापौर, आयुक्त ने जोनवार जल विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर पेयजल संकट की समस्या का निराकरण करने अभियंताओं के मोबाइल नंबर जारी किए थे लेकिन जमीनी स्तर पर इसका कोई असर दिखाई नहीं दे रहा है। हालत यह है कि अमृत मिशन योजना के तहत बिछाई गई पाइप लाइन भी सूखी हुई है। इसके कारण आउटर इलाके के रहवासी परेशान हैं।
नल का समय 30 मिनट कम
गर्मी का तापमान बढ़ने से जहां लोग पेयजल संकट से जूझ रहे है,वही शंकरनगर वार्ड के न्यू शांतिनगर इलाके में सार्वजिनक नल से पानी आपूर्ति का समय 30 मिनट कम कर दिया गया है।इसकी वजह से रहवासियों को पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिल पा रहा है और गर्मी के बीच सभी को परेशान होना पड़ रहा है। यहीं स्थिति शंकरनगर के आगे रेलवे क्रासिंग के आसपास की बस्तियों में भी है। लोग पटरी पर चलकर आसपास के इलाकों से पानी लाने को विवश हैं। रविंद्रनाथ टैगोर वार्ड के कालीनगर में भी पेयजल की समस्या ने लोगों की परेशानी बढ़ाई है।
अभी 38 पानी टंकियों से आपूर्ति
वर्तमान में शहर की 38 टंकियों से 14.50 लाख लोगों को नदी का पानी सप्लाई हो रहा है।निगम के अधिकारियों ने बताया कि मई के प्रथम सप्ताह से जोरा,बोरियाखुर्द और भनपुरी की नई टंकियों से पानी की आपूर्ति शुरू कर दी जायेगी।जबकि देवेंद्रनगर,श्यामनगर स्थित टंकी से मई के अंत तक पानी आपूर्ति करने की कोशिश की जा रही है।जल संकट से जूझ रहे हर व्यक्ति को रोजाना औसतन 188 लीटर पानी मिलेगा।
दस हजार से ज्यादा घरों में नल से पानी नहीं
राजधानी के आउटर इलाके कचना, आमासिवनी, देवपुरी और आसपास के 10 हजार से ज्यादा घरों में नल का पानी नहीं पहुंचता है।यहां लोग नलकूप या बोर पर ही निर्भर हैं। निगम प्रशासन गर्मी में दिक्कत बढ़ने पर टैंकरों से पानी की सप्लाई करता रहा है ।नई टंकियां शुरू होने से यह दिक्कत दूर हो जाएगी। इधर शहर के भीतरी इलाकों में लोग टेलएंड तक पानी नहीं पहुंचने से लोग परेशान हैं ।नल होने के बावजूद प्रेशर नहीं होने के कारण पानी आखिरी छोर के घरों तक नहीं जा रहा है। ऐसे इलाकों में भनपुरी, खमतराई, पंडरी, मोवा, कांपा, चंडी नगर, सरस्वती नगर, गीतानगर, कुशालपुर,चंगोराभाठा, नेहरूनगर, सोनडोंगरी, टाटीबंध, प्रोफेसर कालोनी, पुरानी बस्ती के कुछ इलाके, शंकरनगर, काली माता वार्ड के सरस्वती नगर, सिंधी कालोनी, मयूर क्लब, जगन्नााथनगर, टैगोरनगर से लेकर रमन मंदिर वार्ड, इंदिरा गांधी वार्ड, गुरु गोविंद सिंह वार्ड और राजा तालाब आदि हैं।
फिलहाल टैंकर मुक्त नहीं होगी राजधानी
शहर को पूरी तरह टैंकरों से मुक्त होने की घोषणा नगर निगम प्रशासन नहीं कर पा रहा है, क्योंकि अमृत मिशन का काम पूरा होने में अभी काफी समय लगेगा।राहत केवल यह है कि पांच नई टंकियों की टेस्टिंग पूरी होने के बाद पानी की आपूर्ति शुरू हो जाएगी। इसके लिए उन इलाकों में पाइपलाइन बिछाने के साथ ही नल कनेक्शन भी दिए जा रहे हैं।
नई टंकियों से जल्द जलापूर्ति
निगम के 150 एमएलडी फिल्टर प्लांट की क्षमता बढ़ाकर 260 एमएलडी कर दी गई है। साथ ही 80 एमएलडी,45 एमएलडी प्लांट को मर्ज कर क्षमता 150 एमएलडी तक बढ़ाई गई है। इससे इन इलाकों में पुरानी टंकियों से अब ज्यादा पानी पहुंचेगा और पांच नई टंकियों से भी पानी की आपूर्ति जल्द से जल्द शुरू कर देगे।