बिना डॉक्टर की सलाह के एंटीबायोटिक दवाओं को नहीं खाना चाहिए, वरना पहुंचेंगे ये नुकसान ..
भारत में एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जाता है। जिसके लिए हमेशा डॉक्टरों को ही जिम्मेदार ठहराया जाता है क्योंकि वो दवा की पर्ची में एंटीबायोटिक दवाओं को लिखते हैं। कई बार तो लोग बिना डॉक्टर की पर्ची के ही इस तरह की दवा को खा लेते हैं। एंटीबायोटिक दवाओं को बिना किसी मर्ज के लेने पर शरीर को नुकसान पहुंच सकता है इसलिए ये जानना जरूरी है कि आखिर कब खाएं इस तरह की दवाएं।
क्यों नहीं खाना चाहिए एंटीबायोटिक दवाएं
लोगों को लगता है कि सर्दी-जुकाम होने पर एंटीबायोटिक दवा खा लेने से सब ठीक हो जाता है। अगर आप बिना लक्षण के डॉक्टर की सलाह के बगैर एंटीबायोटिक दवाएं खाते हैं तो इससे उन दवाओं का शरीर पर असर नहीं पड़ता और वो सेहत को नुकसान भी पहुंचाती हैं।
कब देते हैं डॉक्टर एंटीबायोटिक दवा
डॉक्टर मरीज की शारीरिक स्थिति को देखकर एंटीबायोटिक लिखते हैं जो सीधे बैक्टीरिया पर असर करती है। अगर बिना लक्षण के आप दवा खाते हैं तो वो शरीर में मौजूद गुड बैक्टीरिया को खत्म करने लगते हैं। कई बार एक एंटीबायोटिक दोबारा खाने पर असर नहीं करती। डब्ल्यूएचओ के अनुसार बिना डॉक्टर की सलाद के एंटीबायोटिक लेने पर Antibiotic Resistant Infections हो जाता है। जिससे मरीज को समस्या होने पर अस्पताल में भर्ती करना पड़ जाता है।
एंटीबायोटिक प्रतिरोध संक्रमण
एंटीबायोटिक प्रतिरोध संक्रमण तब होता है जब एंटीबायोटिक दवाएं अपना स्वरूप बदल लेती हैं। अगर आप ज्यादा एंटीबायोटिक खाते हैं तो इससे पेट की समस्याएं पैदा होने लगती हैं। हो सकता है शरीर में एलर्जी हो जाए जो कि दवाओं से जल्दी ठीक नहीं होती। बिना डॉक्टर के लिखे एंटीबायोटिक दवा ना खाएं
एंटीबायोटिक दवा के नुकसान पर दिखते हैं ये लक्षण
- चक्कर और उल्टी महसूस होना
- पेट में दर्द, डायरिया
- शरीर में एलर्जी होना, जिसका पूरा इलाज करवाना पड़ सकता है।
- महिलाओं में एंटीबायोटिक दवाओं की वजह से वजाइनल इंफेक्शन हो जाता है।
- कई बार इन दवाओं से जिस रोग का इलाज संभव होता है वो लाइलाज से बन जाते हैं।
- दवा का असर कम या ना के बराबर होना।
कब लें एंटीबायोटिक
एंटीबायोटिक दवाओं को तभी खाना चाहिए जब पूरे उपचार के बाद डॉक्टर आपको इसे खाने की सलाह दें। बिना डॉक्टर की सलाह के एंटीबायोटिक दवा का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।