आज देश का बजट होगा पेश, मिडिल क्लास और नौकरीपेशा लोगों को सरकार से काफी उम्मीदें
आंकड़ों और मार्केटिंग का विश्लेषण करने वाली एक कंपनी ने अपने सर्वे में दावा किया है कि अधिकांश शहरी भारतीय पिछले साल के बजट से खुश थे। 73% ने दावा किया कि इससे उनके घर में काफी बेहतर प्रभाव पड़ा है। महामारी अभी भी खत्म नहीं हुई है, इसलिए अधिकांश (55%) अभी भी इस बजट में सरकार का स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान केंद्रित कराना चाहते हैं। हालांकि यह संख्या पिछले साल (66%) की तुलना में काफी कम है।
मार्केटिंग डेटा और एनालिटिक्स कंपनी ने भारत के केंद्रीय बजट सर्वेक्षण के अपने दूसरे वर्जन में अपने निष्कर्ष को जारी किया है।
भूलना नहीं चाहिए वेतन भोगी कर्मचारी भारत में प्रमुख आयकर योगदानकर्ताओं में से एक हैं। हाल-फिलहाल उनका सालाना 2.5 लाख रुपये तक का वेतन आयकर मुक्त है। आयकर स्लैब सिस्टम के आधार पर करदाताओं पर लगाया जाता है। साथ ही अगर एक साल में कुल सैलरी 5 लाख रुपये से कम है, तो यह भी टैक्स फ्री है। सर्वे में 42 प्रतिशत लोगों मानना है कि आयकर छूट सीमा में वृद्धि होनी चाहिए।
सर्वे में दो तिहाई लोग 80सी के तहत निवेश पर टैक्स छूट में बढ़ोतरी भी चाहते हैं।
बढ़ती स्वास्थ्य देखभाल की कीमत के साथ, घरेलू आय को प्रभावित करने वाली बढ़ती मुद्रास्फीति चिंता बनी हुई है। चिकित्सा/स्वास्थ्य बीमा में छूट मिले यह वेतनभोगियों में 49% प्रतिशत लोग ऐसा चाहते हैं।