पीएनबी के यूजर्स ‘सुगम फिक्स्ड डिपॉजिट’ स्कीम के तहत अब 100 करोड़ रुपये तक निवेश नहीं कर पाएंगे, जानिए क्यों ?
देश के दूसरे बड़े सरकारी बैंक पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने ‘सुगम फिक्स्ड डिपोजिट स्कीम में अब निवेश करने की लिमिट तय कर दी है। अब ग्राहक अपने मन से जितना चाहें उतना पैसा इस स्कीम में नहीं लगा सकते हैं। पीएनबी के नए नियम के मुताबिक इस स्कीम में अब आप अधिकतम 10 लाख रुपये ही निवेश कर सकते हैं।
मौजूदा निवेशकों का क्या होगा?
पीएनबी के इस नए नियम के बाद बैंक में इस स्कीम में मौजूदा निवेशकों में उलझन पैदा हो गई थी, लेकिन बैंक ने स्पष्ट जानकारी देते हुए कहा कि मौजूदा अकाउंट होल्डर्स जिन्होंने अपने एफडी की मैच्योरिटी के लिए ऑटो रिन्यूएल का ऑप्शन चुना था, उनकी एफडी तय पीरियड के लिए रिन्यू हो जाएगी। इस पर पहले से तय किया हुआ इंटरेस्ट रेट ही लागू होगा।
क्यों है ये स्कीम पॉपुलर?
पीएनबी ग्राहकों के बीच इस स्कीम ने अपनी एक अलग ही जगह बनाई है। इस बात का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि इस स्कीम में पहले लिमिट 100 करोड़ रुपये थी, जिसे अब बदलकर अब 10 लाख कर दिया गया है। यह स्कीम बैंक के ग्राहकों के बीच इसलिए प्रचलित है, क्योंकि इस स्कीम में निवेशकों को मैच्योरिटी से पहले पैसे निकाले पर कोई पेनाल्टी नहीं लगता। बैंक ने इस स्कीम में न्यूनतम लिमिट 10,000 रुपये रखी है।
10 साल का मैच्योरिटी पीरियड
सुगम एफडी स्कीम की मैच्योरिटी पीरियड 46 दिन से लेकर 120 महीने की है। इस स्कीम में कोई व्यक्ति चाहे तो व्यक्तिगत अपने नाम से या फिर ज्वाइंट अकाउंट भी खुलवा सकता है। इस स्कीम में 10 साल और इससे ज्यादा उम्र के बच्चे के साथ भी अकांउट खुलवाया जा सकता है।
कौन खुलवा सकता है अकाउंट?
पीएनबी की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार इस स्कीम के तहत कोई भी बड़ी आसानी से अकाउंट खुलवा सकता है। पात्रता की बात करें तो प्रोपराइटरशिप/पार्टनरशिप फर्म, कमर्शियल ऑर्गनाइजेशन, कंपनी/कॉर्पोरेट बॉडी, हिंदू अविभाजित परिवार, एसोसिएशन, क्लब, सोसायटी, ट्रस्ट या धार्मिक/धर्मार्थ या शैक्षिक संस्थान, नगर पालिका या पंचायत, सरकार या अर्ध सरकारी निकाय और यहां तक की अनपढ़ या दृष्टिबाधित व्यक्ति भी इस स्कीम के तहत अकाउंट खुलवा सकते हैं।