दिल्ली में लोग भीषण गर्मी से परेशान, शुक्रवार को तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के ऊपर रहा
दिल्ली में लोग भीषण गर्मी से परेशान हैं। लगभग दो हफ्ते बाद शुक्रवार को तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के ऊपर चला गया। वहीं गुरुवार को केरल के तट पर दक्षिण पश्चिम मॉनसून ने दस्तक दे दी है। इसके 27 जून तक दिल्ली पहुंचने की संभावना है। बेशक मॉनसून ने केरल में दस्तक दे दी है लेकिन मौसम विभाग (आईएमडी) ने अभी तक दिल्ली में इसके पहुंचने की निर्धारित तारीख नहीं बताई है। आईएमडी के एक अधिकारी ने कहा कि वे जून के दूसरे पखवाड़े में दिल्ली से संबंधित पूर्वानुमान जारी करेंगे।
आईएमडी के पिछले 10 सालों के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि मॉनसून ने दिल्ली में जुलाई में छह बार और जून में चार बार एंट्री की है। 1960 और 2022 के बीच, मॉनसून ने राजधानी में जुलाई में 33 बार और जून में 30 बार दस्तक दी है। विभाग के अधिकारियों ने कहा कि वे मौसम संबंधी कारकों पर विचार करने के बाद मॉनसून के आने की घोषणा करते हैं। जिसमें बारिश की मात्रा, वितरण, हवा की दिशा और बिना बिजली के बारिश वाले बादल शामिल हैं।
1987 में देरी से पहुंचा था मॉनसून
आईएमडी के आंकड़ों से पता चलता है कि 1960 और 2022 के बीच, मॉनसून का 1961 में 9 जून को आगमन हुआ था और सबसे देरी से 27 जुलाई 1987 को पहुंचा था। जून में मॉनसून के आगमन के कुल 30 मौकों में से अधिकांश बार महीने के अंतिम 10 दिनों में इसकी एंट्री हुई है। इसी तरह, दिल्ली में 33 बार जब मॉनसून जुलाई में आया, तो इसकी शुरुआत ज्यादातर महीने के पहले हफ्ते में हुई। आईएमडी के आंकड़ों से पता चलता है कि मॉनसून ने पिछले साल 30 जून को दिल्ली में दस्तक दी थी।
कैसे होती है मॉनसून आने की घोषणा
शहर के बेस स्टेशन सफदरजंग में पिछले साल 30 जून को सुबह 8.30 बजे तक हल्की बारिश दर्ज की गई थी। हालांकि, बारिश का 24 घंटे का औसत, जो 30 जून को सुबह 8.30 बजे से 1 जुलाई को सुबह 8.30 बजे तक है, 117.2 मिमी था। आईएमडी में क्षेत्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र के वैज्ञानिक और प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि, ‘दिल्ली और आस-पास के इलाकों में हुई बारिश को देखते हुए मॉनसून की शुरुआत की घोषणा की जाती है। अगर दिल्ली में सुबह 8.30 बजे तक बहुत कम बारिश हुई है लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों सहित अन्य इलाकों में बारिश हुई है, साथ ही ज्यादा बारिश होने का अनुमान है तो मॉनसून आगमन की घोषणा कर दी जाएगी।’ उन्होंने कहा कि क्षेत्र में पूर्व या दक्षिण-पूर्वी हवाएं मॉनसून के आगमन के लिए मानी जाने वाली एक और कसौटी हैं। मॉनसून की घोषणा के लिए अन्य महत्वपूर्ण कारक बादल का टाइप है।