दिल्ली यूनिवर्सिटी में हो सकता है बड़ा बदलाव, मेरिट नहीं अब एंट्रेंस टेस्ट से होगा सभी कॉलेजों में दाखिला!

 अगर आप भी अपने लाडले का 12वीं के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) में एडमिशन कराने का प्लान बना रहे हैं तो पहले इस खबर को पढ़ लीजिए. जी हां अब डीयू में दाखिला लेने के लिए अच्छे नंबरों से 12वीं पास करना ही काफी नहीं होगा. शैक्षणिक सत्र 2019-20 से डीयू के एडमिश्न प्रोसेस में पूरी व्यवस्था बदल सकती है. यूनिवर्सिटी की तरफ से अगले साल से सभी अंडरग्रेजुएट कोर्स में प्रवेश परीक्षा के आधार पर दाखिला देने की तैयारी की जा रही है. वहीं 12वीं में मिलने वाले अंकों के लिए एक वेटेज निर्धारित कर दिया जाएगा. यानी अब अच्छे अंकों से 12वीं पास करना ही आपके लिए डीयू में एडमिशन की गारंटी नहीं होगी.

प्रवेश परीक्षा से विस्तृत जानकारी सामने नहीं आई
टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के अनुसार डीयू के वाइस चांसलर योगेश त्यागी ने बताया ‘यूनिवर्सिटी की दाखिला कमेटी 2019-20 की दाखिला प्रक्रिया में प्रवेश परीक्षा के सिस्टम को लागू करने के मामले पर विचार करेगी. यह कमेटी एक स्वतंत्र कमेटी है जिसके सदस्य के तौर पर शिक्षा विशेषज्ञ, कॉलेजों के प्रिंसिपल और फैकल्टी मेंबर शामिल हैं.’ अभी तक प्रवेश परीक्षा से जुड़ी विस्तृत जानकारी सामने नहीं आई है. आपको बता दें इस बारे में डीयू की प्रवेश समिति की तरफ से एक साल पहले भी विचार किया गया था, लेकिन इसमें अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका.

एनटीए को मिल सकती है प्रवेश परीक्षा की जिम्मेदारी
उस समय प्रवेश परीक्षा के आयोजन को लेकर कई तरह की समस्याएं सामने आ रही थीं. इसके अलावा दाखिला कमेटी के फैकल्टी मेंबर भी इस प्रक्रिया के विरोध में थे. समिति इस साल प्रवेश परीक्षा कराने की जिम्मेदारी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को आउटसोर्स करने की तैयारी कर रही है. आपको बता दें एनटीए इस साल नेट और जेईई की जिम्मेदारी भी संभाली है. पहले इन परीक्षाओं का आयोजन सीबीएसई की तरफ से कराया जाता था, लेकिन इस बार एनटीए को इसकी जिम्मेदारी दी गई.

अभी कुछ विषयों को छोड़कर डीयू के ज्यादातर अंडरग्रेजुएट कोर्स में दाखिला मेरिट के आधार पर दिया जाता है. हर साल कम से कम पांच बार कट ऑफ जारी कर चयनित छात्रों की लिस्ट जारी की जाती है और इसके आधार पर छात्रों को प्रवेश दिया जाता है. साल 2009 में इकोनॉमिक्स के लिए कटऑफ 95.5 प्रतिशत पर रही थी, वहीं पिछले साल बढ़कर यह 97.75 प्रतिशत पर पहुंच गई थी.

Related Articles

Back to top button