शरद पवार ने क्यों कहा,लोकसभा चुनाव के लिए बना है महागठबंधन?
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख प्रमुख शरद पवार ने रविवार को दोहराया कि ‘महागठबंधन’ 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए है, जिसमें मजबूत क्षेत्रीय दलों को सीट बंटवारे में बड़ी हिस्सेदारी मिलने की संभावना है. पवार ने पूर्वी महाराष्ट्र के गोंदिया में कांग्रेस और राकांपा कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की, जहां उन्होंने मराठी भाषा में अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से यह बात कही. उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस और राकांपा संयुक्त रूप से लोकसभा चुनाव में उतरेंगे और कुछ अन्य सहयोगी राजनीतिक संगठनों का साथ भी लेंगे. सीट बंटवारे को लेकर कोई भ्रम नहीं है, अगर होता है तो दोनों पार्टियों के प्रमुख इसे हल कर लेंगे.’
पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की तर्ज पर महाराष्ट्र में भी धान किसानों को प्रति क्विंटल 2,500 रुपये देने का वादा किया. उन्होंने ट्वीट की श्रृंखला में कहा, ‘कृषि उपज समर्थन मूल्य को अंतिम रूप देने से पहले पड़ोसी राज्यों की दरों पर परामर्श किया जाता है. लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने इसका पालन नहीं किया और अब पड़ोसी राज्य 700 रुपये प्रति क्विंटल अधिक दे रहे हैं.’
राणे, पवार की मुलाकात से कयासों का बाजार गर्म
पिछले दिनों कोंकण के कद्दावर नेता नारायण राणे के एक फोन पर महाराष्ट्र के दिग्गज नेता शरद पवार को तुरंत यहां कंकावाली में उनके आवास पर मिलने पहुंचे, जिससे राजनीतिक गलियारों में कयासों का बाजार गर्म हो गया है. किसी जमाने में पवार और राणे कट्टर राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी थे. राणे महाराष्ट्र स्वाभिमान पार्टी (एमएसपी) के अध्यक्ष हैं और अब राज्य व केंद्र में सत्तारूढ़ राजग के सहयोगी हैं. राज्यसभा सांसद राणे ने ऊपरी सदन में अपने वरिष्ठ साथी पवार का यहां अपने घर अपराह्न् गर्मजोशी से स्वागत किया और बातचीत के लिए उन्हें एक बंद कमरे में ले गए.
परेशान मीडियाकर्मी और राकांपा व एमसीपी के कार्यकर्ता करीब आधा घंटे तक बाहर इंतजार करते रहे और उसके बाद दोनों नेता चेहरे पर मुस्कान लिए बाहर निकले, लेकिन दोनों ने कुछ बताया नहीं. पवार ने हल्की मुस्कराहट के साथ कहा, “यहां कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई..मेरे पास मीडिया को बताने के लिए कुछ नहीं है.” इस दौरान राणे उनके पीछे खड़े थे, जिन्होंने भी कुछ नहीं कहा. हालांकि जूनियर राणे नितेश ने आगे आकर कहा कि सभी राजनीतिक दल और उनके नेता नारायण राणे की ताकत व पूरे तटीय कोकण क्षेत्र पर उनके प्रभुत्व के बारे में जानते हैं.
कांग्रेस विधायक नितेश राणे ने कहा, ‘किसी राजनीतिक चर्चा की कोई जरूरत नहीं है. जो भी उनके बीच हुआ, वह राज्य और देश के भले के लिए होगा. थोड़ा इंतजार कीजिए और देखिए चीजें कैसे बाहर आती हैं.’ एनसीपी के राज्य प्रवक्ता नवाब मलिक ने उनकी प्रतिक्रिया का बचाव करते हुए कहा, ‘राजनीति में कुछ भी हो सकता है.’ मलिक ने कहा, ‘2019 संसदीय चुनाव आ रहा है. यह सभी के लिए महत्वपूर्ण है. राजनीति में कुछ भी हो सकता है.’
पीएम मोदी महागठबंधन को बता चुके हैं नापाक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 लोकसभा चुनाव के लिए प्रस्तावित रिपीट प्रस्तावित महागठबंधन पर इसे विभिन्न राजनीतिक पार्टियों का ‘‘निजी अस्तित्व’’ बचाने के लिए किया गया नापाक गठबंधन करार दिया. मोदी ने तमिलनाडु में चेन्नई मध्य, चेन्नई उत्तर, मदुरै, तिरुचिरापल्ली और तिरूवल्लुर निर्वाचन क्षेत्रों के भाजपा के बूथ कार्यकर्ताओं से वीडियो संबोधन के जरिए कहा कि लोग साफ साफ देखेंगे कि यह ‘‘धनाढ्य वंशों का एक बेतुका गठबंधन’’ है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि महागठबंधन के प्रमुख घटक तेलुगू देशम पार्टी का गठन कांग्रेस की ज्यादती के खिलाफ दिवंगत मुख्यमंत्री एनटी रामाराव ने किया था लेकिन अब पार्टी कांग्रेस से हाथ मिलाने की इच्छुक है. मोदी ने कहा कि महागठबंधन में कुछ पार्टियों ने समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया से प्रेरित होने का दावा किया है लेकिन वह (लोहिया) स्वयं कांग्रेस की विचाराधारा के खिलाफ थे.
उन्होंने कहा, ‘आज कई लोग महागठबंधन की बात कर रहे हैं. गठबंधन निजी अस्तित्व को बचाने के लिए है और विचारधारा-आधारित समर्थन नहीं है. गठबंधन सत्ता के लिए है, जनता के लिए नहीं. यह गठबंधन व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं के लिए है, लोगों की आकांक्षाओं के लिए नहीं है.’ मोदी ने लोहिया के हवाले से कहा कि कांग्रेस एक समझौता पार्टी है जिसने कई वैचारिक मुद्दों, राष्ट्रीय हित के मुद्दों से समझौता किया है.
मोदी ने किसी का प्रत्यक्ष तौर पर जिक्र किए बिना कहा कि गठबंधन के कई नेताओं को आपातकाल के दौरान गिरफ्तार तथा प्रताड़ित किया गया था. द्रमुक के अध्यक्ष एम के स्टालिन जिन्होंने हाल ही में कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी को 2019 लोकसभा चुनाव में विपक्ष का प्रधानमंत्री उम्मीदवार बताया था, वह आपातकाल के दौरान जेल में डाले गए नेताओं में से एक हैं.
उन्होंने कहा, ‘इन पार्टियों के शासन के दौरान भ्रष्ट और आपराधिक तत्व सर्वोच्च रहे. यह सबको पता है कि कैसे कांग्रेस ने विभिन्न मामलों में मुलायम जी (सपा नेता मुलायम सिंह यादव) को परेशान किया. क्या इन पार्टियों ने डॉक्टर लोहिया की विचारधाराओं के साथ न्याय किया?’ इसके जवाब में कार्यकर्ताओं ने कहा, ‘नहीं.’