पैसों की जगह यहां चलता था इंसानी मलमूत्र, ऐसे रहते थे लोग
हमारा देश परम्पराओं वाला देश है और हमेशा से यहाँ के रीती-रिवाज आगे आते रहे है. भारत की कई परम्पराओं के बारे में आपने सुना होगा. लेकिन सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि ऐसे कई देश हैं जहां पर अजीब तरह के रिवाज और परंपरा निभाई जाती है. हम आज आपको एक ऐसे देश के बारे में बताने जा रहे है जो आज काफी विकसित है लेकिन यहाँ भी परम्पराओं के खेल काफी पुराने है. यानि कितने भी आगे बढ़ जाएं अपनी परंपरा को नहीं छोड़ते. आइये जानते हैं उनके बारे में.
दरअसल, हम बात कर रहे हैं जापान की जहाँ पैसो के स्थान पर कभी इंसानों के मल-मूत्र को इस्तेमाल किया जाता था. यह बात 16वीं शताब्दी की है जब यहाँ ऐसा किया जाता था. उस समय जापान को बहुत ही अशांत कहा जाता था और साथ ही इसी वक़्त जापान गृह युद्ध से भी गुजरा रहा था. इसी समय के साथ यहाँ 1603 में तोकुगावा लेयासु ने कब्जा कर लिया और इसके बाद से जापान ऊपर आने लगा और शांत भी रहने लगा. इस दौरान तोकुगावा लेयासु के द्वारा कई नियम बनाए गए जोकि हैरान करने वाले थे.
इतना ही नहीं जापान से कोई बाहर नहीं जा सकता था और ना ही कोई अंदर आ सकता था. साथ ही इस दौरान यहाँ तलाक प्रथा को आम माना जाता था. यानि बड़ी बड़ी बातें वहां आम समझी जाती है. ऐसे ही कई नियम है जोकि जापान में उन दिनों आम थे. कहते है कि यह सब यहाँ करीब 250 सालों तक चला और समय के साथ जापान धीरे-धीरे विकसित हो गया. इस बात की जानकारी नहीं है कि अब भी वहां ऐसा कुछ चलता है या नहीं.