चुनाव की तारीख से पहले युद्ध की तारीख घोषित कर दी जाए!

आज पूरा देश शोक में डूबा हुआ है, पूरा देश गुस्से में है, आक्रोशित है. आज देश का मूड ये है कि चुनाव की तारीख से पहले युद्ध की तारीख घोषित कर दी जाए. सरकार ने भी कई ऐलान कर दिए हैं और बहुत से लोगों को ये लगता है कि बस अब पाकिस्तान से युद्ध होने ही वाला है. लेकिन जो लोग ऐसा सोच रहे हैं या कह रहे हैं वो ये भूल रहे हैं कि युद्ध सेना को करना है उन्हें नहीं. इसलिए पाकिस्तान को या आतंकवादियों को क्या जवाब देना है, इसका फैसला सेना पर छोड़ देना चाहिए . और इसके साथ ही हम ये भी कहना चाहते हैं कि देश की सरकार को और सेना को गुस्से में नहीं बल्कि साहस और विवेक के साथ कोई फैसला लेना चाहिए.

क्योंकि गुस्से में अक्सर गलतियां हो जाती हैं. जवाब ऐसा होना चाहिए कि इस आतंकवाद का और पाकिस्तान का Permanent इलाज हो जाए. और इस दिशा में भारत सरकार ने काम शुरू कर दिया है . इसलिए आज सबसे पहले ये जानना ज़रूरी है कि इस हमले का जवाब देने के लिए भारत सरकार क्या कर रही है? क्या युद्ध होगा? या फिर कोई और कार्रवाई होगी?

आज सुबह CCS यानी Cabinet Committee on Security की बैठक हुई . और इस बैठक के बाद कई बड़े फैसले लिए गये. आम तौर पर CCS की कोई फोटो या तस्वीर प्रेस में नहीं आती है. लेकिन आज सरकार की तरफ से ये तस्वीर जारी की गई. यानी सरकार पाकिस्तान को कड़ा संदेश देना चाहती थी.

इससे पहले पिछली बार उड़ी में हुए हमले के बाद भी जब CCS की बैठक हुई थी, तब भी सरकार ने बैठक की तस्वीर जारी की थी. और 2001 में संसद हमले के बाद भी ccs मीटिंग की तस्वीर जारी की गई थी. आज इस बैठक में भारत ने पहला काम ये किया है कि पाकिस्तान का Most Favoured Nation का दर्जा वापस ले लिया है.

MFN क्या होता है और इससे पाकिस्तान पर क्या असर पड़ेगा, ये हम आपको आगे बताएंगे . लेकिन उससे पहले आप ये जान लीजिए भारत ने पाकिस्तान को अलग थलग करने के लिए कौन कौन से कूटनीतिक कदम उठाए हैं. इसके अलावा भारत ने आज पाकिस्तान के उच्चायुक्त को तलब किया और ये कहा कि पाकिस्तान जल्द से जल्द आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद पर कार्रवाई करे.

भारत ने पाकिस्तान में अपने उच्चायुक्त अजय बिसारिया को भी सलाह मशविरे के लिए वापस दिल्ली बुलाया है. इसके अलावा भारत की तरफ से 20 देशों के राजनयिकों को विदेश मंत्रालय में बुलाकर उन्हें इस हमले के बारे में जानकारी दी जा रही है . इन देशों में जर्मनी, हंगरी, इटली, Canada, ब्रिटेन, रूस, Israel, ऑस्ट्रेलिया और जापान जैसे देश शामिल हैं. सूत्रों के मुताबिक भारतीय विदेश सचिव विजय गोखले ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांचों स्थायी सदस्यों के प्रतिनिधियों से मुलाकात करके इस हमले के बारे में चर्चा की है.

इसके अलावा कल विदेश मंत्रालय ASEAN देशों के राजदूतों को बुलाकर उन्हें भी Breifing देगा. ASEAN देशों में Indonesia, Thailand, Singapore, Malaysia, Philippines, Vietnam, Cambodia, Myanmar, Brunei और Laos जैसे देश आते हैं. अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार JOHN R BOLTON ने भारत के NSA अजित डोवल से बात की.

और इस हमले की कड़ी निंदा की. यानी कूटनीतिक तौर पर पाकिस्तान को अलग थलग करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. संयुक्त राष्ट्र ने भी पुलवामा में हुए हमले की कड़ी निंदा की है. और शोक में डूबे परिवारों के लिए संवेदना जताई है. इसके अलावा आज पुलावामा हमले पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भी बयान आया .

और उन्होंने ये ऐलान किया कि सेना को सरकार की तरफ से खुली छूट दी गई है. आज दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई. और उससे पहले हुए भाषण में ये बात कही . इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज उत्तर प्रदेश के झांसी में भी एक जनसभा को संबोधित किया.

और इस जनसभा में प्रधानमंत्री ने एक बार फिर से ये बात दोहराई कि सुरक्षाबलों को कार्रवाई के लिए पूरी इजाज़त दे दी गई है. Cabinet Committee on Security की बैठक में ये फैसला लिया गया कि पाकिस्तान का Most Favoured Nation का दर्जा वापिस लिया जाएगा. World Trade Organization के नियमों के आधार पर कारोबार में Most Favoured Nation का दर्जा दिया जाता है.

इसमें व्यापार में विशेष छूट दी जाती है. भारत ने 1996 में ही पाकिस्तान को Most Favoured Nation का दर्जा दिया था ये दर्जा छीनने से पाकिस्तान के उद्योग धंधों पर असर पड़ सकता है. आम तौर पर CCS की बैठक के बाद उसकी जानकारी भी मीडिया को नहीं दी जाती है. लेकिन आज वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस बैठक की जानकारी मीडिया को दी.

और उसी में ये ऐलान किया कि पाकिस्तान का MFN का दर्जा वापिस ले लिया गया है. अब आप मौन की पीड़ा को महसूस कीजिए. मौन में बहुत शक्ति होती है और मौन में खालीपन की पीड़ा भी होती है . 40 सैनिकों की शहादत के बाद देश किस तरह का खालीपन महसूस कर रहा है.. ये आपको इन तस्वीरों में दिखाई देगा.

इस मौन में आपने ख़ामोशी के साथ साथ शहीद जवानों के घरवालों की चीखें भी महसूस की होंगी . आपने इन शहीद जवानों के उस आखिरी पल के बारे में भी सोचा होगा . ये ख़ामोशी बहुत भारी थी . और बहुत से लोगों ने ये भी सोचा होगा कि ये तूफान से पहले की खामोशी है. भविष्य में क्या होगा ये किसी को नहीं पता .

भारत की सेना क्या करेगी, कौन सा जवाब देगी ये सिर्फ सेना को ही पता है . इसलिए हम यही कह रहे हैं कि देश के लोगों को संकट की इस घड़ी में एकजुट होकर रहना चाहिए और अपनी पराक्रमी सेना पर भरोसा करना चाहिए. शहीदों के 40 ताबूत जब एक साथ रखे हुए दिखाई देते हैं, तो मन दुखी होने के साथ साथ क्रोधित भी होता है . हम भी आज बहुत दुखी हैं . और हम दिल से ये चाहते हैं कि ये तस्वीरें हमें आगे कभी न दिखानी पड़ें . शहादत की इन तस्वीरों में गर्व तो होना चाहिए, लेकिन इस गर्व में दुख की मात्रा ज्यादा है . अब ये बंद होना चाहिए .

ये शहादतें अब रुकनी चाहिएं . जो मातम इन शहीदों के घरों में और 135 करोड़ लोगों के मन में है, वो मातम उनके घरों में होना चाहिए, जिन्होंने ये दुस्साहस किया है . फिदायीन हमलावर ने जब 100 किलो से ज्यादा विस्फोटक जवानों की गाड़ी से टकराया तो पूरी गाड़ी के परखच्चे उड़ गए .

क्या बीतेगी उन परिवारों पर जब उनके अपने ये जवान तिरंगे में लिपटे हुए ताबूत के अंदर घर पहुंचेंगे . इसी पीड़ा को गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी महसूस किया और इन शहीदों के ताबूतों को कंधा दिया. शहीदों के ताबूत सबसे ज्यादा भारी होते हैं. ये बात उनके घरवाले तो समझते हैं, लेकिन पूरे देश के लोगों को ये बात समझनी चाहिए .

और सबसे ज्यादा उन लोगों को समझनी चाहिए, जिनके ऊपर इन सबको रोकने की ज़िम्मेदारी है. जम्मू कश्मीर के बडगाम में आज CRPF के हेडक्वार्टर में इन 40 जवानों को श्रद्धांजलि दी गई . आज देश के हर नागरिक को अपने 40 वीर सपूतों पर गर्व है . ये गहरे शोक की घड़ी है..

आप इसे 40 शहीदों की शोकसभा भी कह सकते हैं.. लेकिन शोक की इन भावनाओं के नीचे.. प्रतिशोध की ज्वाला भी धधक रही है. आप भी इन जवानों को श्रद्धांजलि दीजिए और ये उम्मीद कीजिए कि बस ये आखिरी बार हो, इसके बाद हमें ये दिन न देखना पड़े.

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