रियाणा कैबिनेट की मंगलवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए
हरियाणा कैबिनेट की मंगलवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। हरियाणा सरकार राज्य में शराब की बिक्री से अगले वित्तीय वर्ष में करीब साढ़े सात हजार करोड़ रुपये का राजस्व जुटाने की तैयारी में है। 31 मार्च को खत्म हो रहे मौजूदा वित्तीय वर्ष में शराब की बिक्री से हरियाणा सरकार के खजाने में 6300 करोड़ रुपये का राजस्व आने की उम्मीद है। 6300 करोड़ रुपये का राजस्व पिछले से पिछले साल आए राजस्व से 23 फीसदी अधिक है, जिससे उत्साहित होकर सरकार ने 19 फीसद की बढ़ोतरी के साथ इस बार साढ़े सात हजार करोड़ रुपये शराब की बिक्री से जुटाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
मंत्रिमंडल की बैठक में स्कूल, कालेजों, विश्वविद्यालयों तथा कोचिंग इंस्टीट्यूट द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली बसों की टैक्स दरों में बढ़ोतरी करने का भी फैसला लिया गया। प्रदेश से बाहर पंजीकृत शैक्षणिक संस्थानों की बसों को राज्य के अंदर पंजीकृत बसों द्वारा अदा किए जाने वाले टैक्स की दर में 20 प्रतिशत अधिक देना होगा।
लाइसेंस सरेंडर के लिए अलॉटियों की सहमति जरूरी
शहरों में बन रही कॉलोनियों में अगर कोई बिल्डर लाइसेंस सरेंडर करना चाहता है तो अलॉटियों की सहमति जरूरी होगी। साथ ही बिल्डर को ब्याज के साथ बकाया नवीकरण शुल्क का पूरा भुगतान करना होगा। सरेंडर किए जा रहे लाइसेंस वाले क्षेत्र के लिए छंटनी शुल्क, लाइसेंस शुल्क, परिर्वतन शुल्क, आंतरिक विकास शुल्क सहित सभी सरकारी बकाया जब्त कर लिया जाएगा।
संगीन अपराध में सजा काट रहे कैदियों को भी अब दो दिन की फरलो
जेलों में संगीन अपराध में सजा काट रहे कैदियों को भी अब दो दिन की फरलो (जेल से अस्थायी रिहाई) मिलेगी। इसके लिए सरकार ने हरियाणा सदाचारी कैदी (अस्थायी रिहाई) अधिनियम में संशोधन का फैसला लिया है। इसके अलावा जेलों में उप-अधीक्षक के 75 फीसद पद पदोन्नति से भरे जाएंगे।
देसी व अंग्रेजी शराब का कोटा बढ़ा, महंगी भी होगी
कैबिनेट ने वर्ष 2019-20 के लिए आबकारी नीति को मंजूरी प्रदान की गई। बैठक में देसी व अंग्रेजी शराब की बिक्री का कोटा बढ़ाने के साथ ही इसे महंगी भी कर दिया गया है। सीएसडी कैंटीन के जरिये फौजियों के लिए बेची जाने वाली शराब (रम) को सरकार ने सस्ता कर दिया है। सरकार ने रम पर 61 रुपये प्रति प्रूफ लीटर आबकारी शुल्क में कमी की है।
चुनावी साल होने के कारण सरकार को उम्मीद है कि इस बार शराब की खपत में बढ़ोतरी हो सकती है। लिहाजा देशी शराब के कोटे को 10 करोड़ प्रूफ लीटर से बढ़ाकर 10.5 करोड़ प्रूफ लीटर तथा भारत में निर्मित अंग्रेजी शराब के कोटे को छह करोड़ प्रूफ लीटर से बढ़ाकर साढ़े छह हजार करोड़ प्रूफ लीटर कर दिया गया है।
शराब नीति की खास बातें
- शराब ठेकों के लिए आनलाइन आवेदन होगा
- पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से कम से कम 20 प्रतिशत शराब कांच की बोतलों में बिकेगी
- कम रेट पर बेहतर देशी शराब के लिए मेट्रो शराब लांच करने की अनुमति, जो राज्य की शराब फैक्ट्रियों में बनेगी
- तेज के बजाय हलकी शराब की बिक्री के लिए हार्ड लिकर के लिए अनिवार्य लाइसेंस मांगे बिना लाइसेंस का विकल्प चुनने की अनुमति रहेगी
- राज्य के तमाम माल, गुरुग्राम, फरीदाबाद एवं पंचकूला में लाइसेंस प्राप्त शापिंग क्षेत्र में आउटलेट खोले जा सकेंगे
- आयातित विदेशी शराब में बड़े प्लेयर को शामिल होने का मौका मिलेगा
तस्करी रोकने को आबकारी विभाग में तैनात होंगे 350 पुलिसकर्मी
हरियाणा में अवैध शराब की बिक्री और तस्करी रोकने को आबकारी एवं कराधान विभाग में 350 पुलिस कर्मियों को डेपुटेशन पर नियुक्त किया जाएगा। भिवानी, कैथल, हिसार, जींद और फतेहाबाद सरीखे शहरों सख्त मानदंडों का अनुपालन होगा। जिला स्तर के अधिकारियों को काफी हद तक कलेक्टर आबकारी का अधिकार दिया गया है।
घर पर भी शराब का स्टाक रख सकेंगे शौकीन
प्रदेश सरकार ने लोगों को अपने घर पर शराब का स्टाक रखने की अनुमति प्रदान करने का निर्णय लिया है। इसके लिए लाइसेंस (एल-50) लिया जा सकेगा। इसके रेट अभी तय होने बाकी हैैं, जो आनलाइन आवेदन किया जाएगा। पांच हजार से अधिक की आबादी वाले गांवों में अतिरिक्त सब वेंड की अनुमति होगी।
राज्य की 57 पंचायतों में नहीं बिकेगी शराब
हरियाणा की 57 पंचायतें ऐसी हैैं, जिन्होंने अपने यहां शराब ठेका खोले जाने से मना कर दिया है। राज्य सरकार ने प्रदेश भर की ऐसी तमाम पंचायतों से प्रस्ताव मांगे थे। पवित्र शहरों थानेसर नगरपालिका सीमा और पेहोवा में भी शराब नहीं बेची जाएगी। जिन गांवों में कन्या गुरुकुल चल रहे हैं, वहां भी शराब बेचने की अनुमति नहीं होगी।
अभी शराब के रेट अधिसूचित किए जाने बाकी
आबकारी एवं कराधान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल का कहना है कि हरियाणा कैबिनेट ने मंगलवार को शराब नीति को मंजूरी प्रदान की है। इस नीति के तमाम पहलू बुधवार को अधिसूचित किए जाएंगे। तभी यह पता चल सकेगा कि लाइसेंस फीस क्या होगी और शराब कितनी महंगी या सस्ती हुई है।