हार्दिक पंड्या और लोकेश राहुल को फटकार लगाए जाने की जरूरत थी: रवि शास्त्री
ऋषभ पंत के भारत के मुख्य टेस्ट विकेटकीपर बनने की ओर बढ़ते कदमों से ऋद्धिमान साहा को जरा भी असुरक्षित नहीं किया है क्योंकि वह इस बात में विश्वास नहीं करते कि दिल्ली के विकेटकीपर से उनकी कोई प्रतिस्पर्धा है. भारत के तकनीकी रूप से बेहतरीन विकेटकीपरों में से एक साहा ने पिछले साल कंधे की सर्जरी के कारण प्रतिस्पर्धी क्रिकेट से बाहर रहने के बाद सैयद मुश्ताक अली ट्राफी में बंगाल के लिये वापसी की.
इस दौरान युवा पंत ने बल्ले से प्रभावित करते हुए इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया में टेस्ट शतक जमाये.
साहा से यह पूछे जाने पर कि इतने लंबे समय तक खेल से दूर रहने और पंत के आने ने क्या उन्हें असुरक्षित बना दिया? तो उन्होंने कहा, ‘‘बिलकुल भी नहीं. मैं असुरक्षित नहीं था. खिलाड़ी होने के नाते, आपके हमेशा चोटिल होने का जोखिम बना रहता है. लक्ष्य पूरी तरह फिट होने और शानदार वापसी का था. ’’
साहा ने 11 मुश्ताक अली ट्रॉफी मैचों में 306 रन बनाये. वह 32 टेस्ट में 30.63 के औसत से तीन शतकों की बदौलत 1164 रन बना चुके हैं.
आलोचकों ने संशय जताया है कि पंत की बल्लेबाजी काबिलियत को देखते हुए बंगाल के विकेटकीपर की वापसी मुश्किल होगी लेकिन साहा इससे इत्तेफाक नहीं रखते. उन्होंने कहा, ‘‘मैं चोट के कारण बाहर था. ऋषभ ने अपने मौके का फायदा उठाया और लगातार रन बनाये. अब मेरा लक्ष्य फार्म में वापसी करके भारतीय क्रम में वापसी करना है. मेरा लक्ष्य यही है और मैंने पहले भी कहा है और मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि ऋषभ से मेरी कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है. ’’