उत्तराखंड टॉपर प्रतीक ने पिता के बिजनेस को छोड़ खुद चुनी राह : जेईई-मेन
यह कुछ अलग कर दिखाने की ललक ही तो है। जेईई मेन-2 में उत्तराखंड प्रतीक टिबरवाल ने पिता का जमा जमाया बिजनेस छोड़ खुद की अलग राह चुनी। उन्होंने जेईई मेन में 99.98 परसेंटाइल हासिल किया है। उनकी ऑल इंडिया 239 रैंक है।
प्रतीक मूल रुप से बिहार के बेगूसराय के रहने वाले हैं। लेकिन पांचवीं कक्षा से ही वेल्हम ब्वायज स्कूल में पढ़े हैं। तब से यहीं पर रह रहे हैं। प्रतीक के पिता श्रवण टिबरवाल स्टील व्यवसाई हैं और मां पूजा गृहणी।उन्होंने दसवीं की कक्षा में 10 सीजीपी हासिल की थी। बताया कि बचपन से ही विज्ञान व गणित के प्रति रुझान था। कॅरिअर तय करने और इसकी तैयारी के लिए स्कूल के शिक्षकों ने बहुत सहयोग किया।
प्रतीक की पहली पसंद आइआइटी बांबे से पढ़ाई करना है। उन्होंने स्कूल लर्निंग प्रोग्राम के तहत बंसल क्लासेज के माध्यम से तैयारी की। मंगलवार को बंसल क्लासेज में उन्हें सम्मानित किया गया।
केंद्र प्रबंधक आकांक्षा कर्नाटक, गणित एचओडी पुरुषोत्तम झा और वरिष्ठ प्रबंधक रितेश पांडे ने उन्हें भविष्य की शुभकामनाएं दी। प्रतीक अभी संस्थान से जेईई एडवांस की तैयारी कर रहे हैं।
ऑलराउंडर हैं प्रतीक
जेईई-मेन में उत्तराखंड टॉपर प्रतीक ऑलराउंडर हैं। न केवल अकादमिक बल्कि अन्य गतिविधियों में भी उनका बेहतरीन प्रदर्शन रहा है। पढ़ाई के अलावा उन्हें क्रिकेट, टेबल टेनिस खेलना पसंद है और वह किताबें पढ़ने का भी शौक रखते हैं। उन्होंने क्रिकेट और टेबल टेनिस में कई स्तर पर स्कूल का प्रतिनिधित्व भी किया है। वह हाल ही में इंटरनेशनल कैमिस्ट्री क्विज में 100 परसेंटाइल प्राप्त कर स्कूल का मान बढ़ा चुके हैं।
व्यवसायी केबेटे ने चुनी इंजीनियरिंग की राह
दून स्कूल के छात्र गुनीत मित्तल ने जेईई मेन-2 में 99.37 परसेंटाइल हासिल की है। उन्होंने इस बार बारहवीं की परीक्षा दी है। गुनीत जालंधर के रहने वाले हैं और पिता नीरज मित्तल व्यवसायी हैं। गुनीत के बड़े भाई मयंक भी अपना व्यवसाय चलाते हैं। पर इन सबसे अलग उन्होंने इंजीनियरिंग की राह चुनी। बताया कि पढ़ाई उनका शौक है, इसीलिए इंजीनियरिंग में कॅरिअर बनाना चाहते हैं। वह आइआइटी दिल्ली से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करना चाहते हैं।