अनिल अंबानी को अच्छे दिन आने की उम्मीद…
फिर मोदी सरकार बनने जा रही है. ऐसे में रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप (ADAG) के चेयरमैन अनिल अंबानी को काफी उम्मीदें हैं. अनिल अंबानी को खासकर यह उम्मीद है कि सरकार गैर बैंकिंग वित्तीय सेवा सेक्टर (NBFC) को पर्याप्त नकदी उपलब्ध कराएगी. गौरतलब है कि IL&FS द्वारा भुगतान में डिफाल्ट शुरू होने के बाद यह सेक्टर नकदी की तंगी से जूझ रहा है.
अंग्रेजी अखबार इकोनॉमिक टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में अनिल अंबानी ने कहा, ‘नरेंद्रभाई मोदी ने सस्ते मकान और समावेशी विकास को अपनी प्राथमिकता बताई थी और मुझे पूरा भरोसा है कि इसे हासिल करने के लिए जो भी कदम जरूरी होगा, सरकार उठाएगी.’
उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का पूरा भरोसा है कि सरकार एनबीएफसी (NBFC) और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (HFC) को नकदी प्रदान करने के लिए तत्काल कोई मजबूत कदम उठाएगी, क्योंकि पूरी अर्थव्यवस्था में मजबूती लाने के लिए इस सेक्टर का उबरना जरूरी है.
उन्होंने कहा कि वह अपने एसेट बेचकर कर्ज के बोझ को कम करने की लगातार कोशिश में लगे हैं और अब उनका जोर ऐसे कारोबार में है जहां पूंजी कम लगे.
कैसे चुकाएंगे कर्ज
उन्होंने कहा कि रिलायंस कैपिटल में कारोबार सही रास्ते पर है और कर्ज को बोझ घटाने के लिए कई रास्ते अपनाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘ हमने अपने एएमसी कारोबार की हिस्सेदारी अपने साझेदार जापान के निप्पॉन लाइफ को बेचने की घोषणा की है, जिससे करीब 6,000 करोड़ रुपये मिलेंगे.
रिलायंस निप्पोन एसेट मैनेजमेंट से हमें हर साल 150 से 200 करोड़ रुपये तक डिविडेंड के रूप में मिल जाते हैं. हिस्सेदारी बेचने से हमारे ब्याज की लागत सालाना 700 करोड़ रुपये तक कम हो जाएगी. मुझे पूरा भरोसा है कि इस वित्त वर्ष में ही रिलायंस कैपिटल का करीब 18,000 करोड़ रुपये का कर्ज घटकर आधा रह जाएगा. ‘
रिलायंस एडीए ग्रुप देश टेलीकॉम, पावर, वित्तीय सेवाएं, इंफ्रास्ट्रक्चर, मीडिया, एंटरटेनमेंट और हेल्थकेयर जैसे सेक्टर में सक्रिय है. रिलायंस एडीएजी समूह रिलायंस निप्पॉन लाइफ एसेट मैनेजमेंट लिमिटेड (RNAM) असल में रिलायंस म्यूचुअल फंड (RMF) की एसेट मैनेजर है.
यह रिलायंस कैपिटल और जापानी कंपनी निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के बीच का साझा उद्यम है. रिलायंस कैपिटल देश की प्रमुख गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी है, जबकि निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस कंपनी जापान की प्रमुख निजी बीमा कंपनी है.
गौरतलब है कि रिलायंस एडीएजी कर्ज के बोझ को कम करने के लिए अपने एसेट बेचने के प्रयास में तेजी से लगा हुआ है. कंपनी ने अपना रेडियो बिजनेस बिग एफएम को एक मीडिया कंपनी को करीब 1,050 करोड़ रुपये में बेचने की घोषणा की है.
मार्च महीने में रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) ने स्वीडन की दूरसंचार उपकरण बनाने वाली कंपनी एरिक्सन को 550 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया.